आयकर विभाग ने जिले के भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायकों को समन जारी किया है। विभाग से दो महीने पहले सात भाजपा विधायकों को नोटिस भेजे गए थे, लेकिन जवाब नहीं देने पर अब पांच को समन भी भेज दिए हैं।
मसला, चुनावी खर्च के हिसाब को लेकर है। इन्होंने चुनाव में खर्च, नामांकन पत्र में दर्शायी संपत्ति और नकद राशि का जो हिसाब दिया था, उसकी ही अब पड़ताल हो रही है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग बीते विधानसभा चुनाव में निर्वाचित विधायकों के नामांकन पत्रों में दिखाई गई चल-अचल संपत्तियों व बैंक खाते में कैश की जांच करा रहा है। आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को इसके निर्देश दिए। सीबीडीटी ने आयकर विभाग (मुख्यालय) को लगाया। आयकर विभाग ने जांच शाखा को विधायकों की पत्रावलियां जांच कराने का निर्देश दिया। इसके बाद ही राजस्थान के राज्यपाल तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाती शिक्षा राज्यमंत्री व अतरौली विधायक संदीप सिंह, बरौली विधायक ठाकुर दलवीर सिंह, शहर विधायक संजीव राजा, कोल विधायक अनिल पाराशर, खैर विधायक अनूप वाल्मीकि, इगलास विधायक राजवीर दिलेर व छर्रा विधायक ठाकुर रवेंद्र पाल सिंह को जांच विंग के निरीक्षकों ने नोटिस भेजे। इनमें से अनिल पाराशर व एक अन्य विधायक ने ही जवाब दिया है।
बाकी के जवाब नहीं देने पर आयकर विभाग ने समन भेज दिए हैं। हालांकि, अधिकांश विधायक नोटिस या समन न मिलने की बात कह रहे हैं। वहीं, जांच से जुड़े आयकर विभाग के एक उच्चाधिकारी पांच विधायकों को समन भेजने की पुष्टि करते हैं। अलीगढ़ के कोल विधायक अनिल पाराशर ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले आयकर का नोटिस मिला था। चुनाव में खर्च व आय से संबंधी जानकारी मांगी गई थी। सीए के जरिये जवाब दे दिया है। बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह ने बताया कि आयकर के नोटिस की जानकारी नहीं है, लेकिन विभाग कोई जानकारी मांगेगा तो जरूर देंगे।
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