नई दिल्ली। फ्रांस के नीस में हुए आतंकीं हमले ने एक बार फिर दुनिया को दहला दिया है। लोग जब नेशनल डे का जश्न मना कर लौट रहे थे तो एक ट्रक के जरिये लोगों को बर्बर तरीके से कुचल दिया गया। इसमें 101 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने इसे इस्लामिक स्टेट द्वारा किया गया आतंकी हमला बताया है।

मुंबई में 26/11 हमला, 160 की मौत-
26 नवम्बर 2008 को भारतीय इतिहास में एक काले दिन के रूप में याद किया जाता है। इस दिन मुंबई में एक साथ कई जगह आतंकवादी हमले हुए थे। भारतीय इतिहास में इस हमले को सबसे उग्र हमला माना जाता है। आतंकियों ने ताज होटल, ओबरॉय होटल, नरीमन हाऊस, कामा अस्पताल और सीएसटी समेत कई जगह एक साथ हमला किया था। आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच 60 घंटे से भी ज्यादा समय तक मुठभेड़ चलती रही। इसमें 160 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई।
अमेरिका में 9/11 हमला, 3000 की मौत-
9/11 हमला विश्व इतिहास का सबसे उग्र, बड़ा और भंयकर आतंकवादी हमला माना जाता है। इसमें लगभग 3000 लोग मारे गए और 8900 लोग घायल हो गए थे। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर अलकायदा द्वारा आत्मघाती हमला किया गया। अलकायदा के आतंकवादियों ने चार यात्री जेट वायुयानों का अपहरण कर लिया। अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए। अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया, अपहरणकर्ताओं द्वारा वाशिंगटन डीसी की ओर अपहरण किए गए चैथे विमान को कुछ यात्रियों एवं उड़ान चालक दल द्वारा विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास के बाद विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में जा टकराया, किसी भी उड़ान से कोई भी जीवित नहीं बचा।
पेशावर में स्कूल पर हमला, 132 बच्चों की मौत-
पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक सैनिक स्कूल में तालिबान के हमले में 132 बच्चों समेत 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे। तालिबानी आतंकवादियों ने स्कूल की चारदीवारी से अंदर घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अपनी जान बचाने में कामयाब छात्रों ने इस दर्दनाक हमले का मंजर बयां करते हुए कहा था कि आतंकवादी एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाकर बच्चों को गोलियां मारते रहे। बच्चों को निशाना बनाने की इस घटना की दुनियाभर में निंदा हुई थी।
पेरिस आतंकी हमले, 120 की मौत-
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 14 नवंबर को नेशनल स्टेडियम के बाहर एक रेस्टोरेंट और कॉन्सर्ट हॉल में हुई गोलीबारी और धमाकों में 120 से ज्यादा लोग मारे गए। हथियारों से लैस आतंकियों ने 100 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जो बैटाक्लां म्यूजिक हॉल में रॉक कॉन्सर्ट देखने गए थे। यह धमाका उस वक्त हुआ जब फ्रांस और जर्मनी के बीच नेशनल स्टेडियम में फुटबॉल मैच चल रहा था। आतंकी एके-47 और कुछ बम के साथ पहुंचे थे। इस हमलें में फ्रांस के सुरक्षाबलों ने जवाबी कारवाई में 8 आतंकियों को मार गिराया था। आतंकी संगठन आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
11 जुलाई 2006 में मुंबई में ट्रेन बम ब्लास्ट, 200 की मौत-
आतंकियों ने मांटुगा रोड, माहिम, बांद्रा, खोर रोड, जोगश्वरी, बोरिवली समेत कई जगहों पर मुंबई की लोकल ट्रेनों में धमाके किए। बमों को प्रेशर कुकरों में रखा गया था। इन हमलों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 700 घायल हुए थे।
मॉस्को के थिएटर में हमला, 130 की मौत-
23 अक्टूबर 2002 को मॉस्को में डुबरोवका थियेटर में हथियार बंद आतंकवादियों ने करीब 850 लोगो को बंधक बना लिया था। इस आतंकी हमले में करीब 130 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हमले में 40 आतंकी भी ढेर हो गए थे।
दिसंबर 2004 बेसलैन स्कूल हमला, 385 की मौत-
रूस के बेसलैन स्कूल में हुए इस हमले को चेचेन आतंकियों ने अंजाम दिया था। इस हमले को आतंकियों द्वारा स्कूली बच्चों को निशाना बनाए जाने वाले हमलों में सबसे बड़े और क्रूर हमले के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने 3 दिन तक स्कूल में बच्चों समेत 1100 बंधक बनाए रखा, अंत में स्कूल में मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसमें आतंकियों समेत 385 लोगों की मौत हो गई और 783 लोग घायल हो गए थे।
अफगानिस्तान में आतंकी हमला, 60 की मौत-
अफगानिस्तान में आतंकी हमला 23 नवंबर, 2014 को तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने अफगानिस्तान में वॉलीबॉल मैच देख रहे 60 से अधिक लोगों को मार डाला था।
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