नई दिल्ली। पिछले एक दशक के दौरान, आयकर विभाग ने महत्वाकांक्षी योजना के तहत आईटी रिटर्न, आईटी फॉर्म, टीडीएस/टीसीएस स्टेटमेंट, एन्युअल इंफॉर्मेशन रिटर्न (एआईआर) आदि के स्थूल डाटाबेस का कम्पयुटाइजेशन (डिजिटाइजेशन) करने का काम शुरू किया है। डाटा की बड़ी मात्रा और सूचनाओं के प्रभावशाली उपयोग के लिए एक व्यापक मंच की ज़रूरत है। आयकर विभाग ने कर अनुपालन को सुधारने और कर प्रशासन में सूचनाओं के प्रभाव उपयोग के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं। इसी क्रम में आयकर विभाग ने आज विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एल एंड टी इंफोटेक लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसका पहला चरण मई 2017 में पूर्ण रूप से शुरू होने की उम्मीद है। यह एकीकृत मंच कर की चोरी करने वाले एवं कर छिपाने वालों की जानकारी उपलब्ध कराने में अहम भूमिका अदा करेगा। रिपोर्टिंग कंप्लाइंस मैनेजमेंट सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि रिपोर्टिंग इकाइयों द्वारा तीसरे पक्ष की रिपोर्टिंग पूर्ण, सही एवं उचित समय पर हो।प्राथमिक सत्यापन, अभियान प्रबंधन, अधिक मात्रा में पत्र/नोटिसों की उत्पत्ति एवं उनकी जांच करने के लिए इस परियोजना के अंतर्गत एक नया कंप्लाइंस मैनेजमेंट सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर भी गठित किया जाएगा। नया सीपीसी न केवल स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देगा बल्कि अनुपालन संबंधी सामान्य मुद्दों को ऑनलाइन तरीके से खुद ही सुलझाने के लिए सक्षम बनाएगा। यह परियोजना, तकनीक के जरिए व्यापार परिवर्तन के आयकर विभाग के उद्देश्य की दिशा में विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सुनिश्चित करेगा।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal