देहरादून । उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और अन्य जगहों पर शुक्रवार तड़के भारी बारिश होने और बादल फटने से 30 लोगों की मौत हो गई तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये। सूबे के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में बीते 24 घंटे से भारी बारिश जारी है। चमोली में बादल फटने से 9 लोगों की मौत हो गई है, वहीं पिथौरागढ़ में बादल फटने से 8 लोगों की मौत हुई है1 कई लोग मलबे में अभी दबे हैं। बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। नदी पर जगह-जगह बने अस्थायी पुल बह गए हैं। दूसरी ओर, सूबे के आठ जिलों में भारी बारिश्ा की आशंका जताई गई है।उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अलकनंदा, सरयू और मंदाकिनी समेत करीब 10 नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। अलकनंदा नदी तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चमोली में बादल फटने की वजह से अलकनंदा का जलस्तर तेजी से बढ़ गया और खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इसके चलते निचले इलकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बागेश्वर में बारिश के चलते सरयू और गोमती का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं।पिथौरागढ़ में बारिश कहर बनकर बरसी। दर्जनों लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। पिथौरागढ़ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से 8 लोगों की मौत हुई और 25 अन्य लापता हो गये, वहीं गोपेश्वर जिले के सिरोन गांव में दो व्यक्ति और सिथेल गांव में एक व्यक्ति गीली मिट्टी के साथ बह गये तथा एक अन्य की मौत भारी बारिश की चपेट में आकर हो गई। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा कि हमने सिंघली क्षेत्र से पांच शव बरामद किये हैं और थल गांव से भी तीन शव मिले हैं। सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मदद से चलाये जा रहे तलाशी अभियान के जरिये अन्य शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बादल फटने से प्रभावित गांवों में लापता हुए लोगों की तलाश के लिये पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।वहीं, चमोली जिले के घाट विकासखंड में मंदाकनी नदी में बाढ़ आने से 7 लोग लापता हुए हैं। कई भवन बह गए हैं। कई मवेशी भी लापता बताए जा रहे हैं। 2013 में आई राज्य में भयंकर तबाही के दौरान भी यही इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। गोपेश्वर के पास सिरो में 2 लोग मलबे में दबने से मर गए। डीएम ने यहां 4 लोगों के मरने की पुष्टि की है। हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।उधर, भूस्खलन होने से बद्रीनाथ नेशनल हाइवे बंद होने की भी खबर है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के समीप राजमार्ग पर चट्टान आ गिरी, जिससे हाइवे बंद हो गया। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बाधित होने से यात्री बीच में फंसे हैं। सबसे मुश्किल भरे हालात ग्रामीण क्षेत्रों की है, जहां रोड टूटने से संपर्क कट गया। बाढ़-बारिश के चलते प्रभावित इलाके में रेस्क्यू टीमें भेज दी गई हैं। नदियों के किनारे बसी बस्तियों में लोगों को अलर्ट किया गया है। चार धाम यात्रा जगह जगह बाधित हुई है।सेमवाल ने कहा कि पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से प्रभावित हुए सात गांवों में कई मकान जमींदोज हो गए। मौके पर मौजूद पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आरएस राणा ने बताया कि जिले के डीडीहाट क्षेत्र के सिंघली क्षेत्र के सात गांवों से लापता हुए करीब 25 लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जिला पुलिस की मदद से ढूंढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।