मुंबई । अपने पुराने ग्राहकों को फायदा देते हुए देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बेस रेट में कटौती की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बेस रेट को 15 बेसिस पॉइंट्स से घटाया है जिससे अब नया बेस रेट 9.1 प्रतिशत हो गया है। नए रेट्स 1 अप्रैल से लागू हो चुके हैं, हालांकि बैंक ने MCLR में कोई बदलाव नहीं किया है।
बेस रेट के घटने से केवल उन्हीं पुराने ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने बेस रेट पर लोन लिया हुआ है। यानी बेस रेट पर लोन लेने वालों के होम लोन, कार लोन, बिजनस लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई कम हो जाएगी। हालांकि बैंक के इस कदम से नए लोन लेने वालों को फायदा नहीं होगा। बैंक नए लोन मार्जिनल कॉस्ट-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) पर देता है।
उदाहरण के लिए अगर आपने 20 लाख रुपए का लोन 20 सालों के लिए लिया हुआ है तो आपकी मासिक ईएमआई 18,317 से घट कर 18,123 हो जाएगी। इस तरह आपको सालाना 2328 का फायदा होगा।एक अनुमान के मुताबिक 30 से 40 प्रतिशत लोन MCLR से लिंक्ड हैं बाकी सभी लोन बेस रेट पर ही हैं।
एसबीआई ने MCLR में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, बैंक जनवरी में MCLR में बड़ी कटौती कर चुका है। एसबीआई का एक साल का MCLR 8 प्रतिशत है वहीं, दो साल का रेट 8.1 प्रतिशत है।
बेस रेट: यह वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। रिजर्व बैंक यह निगरानी करता है कि कोई भी बेस रेट से कम पर किसी भी कस्टमर को लोन न दे पाए।
MCLR: ब्याज दर तय करने को लेकर रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 2016 से MCLR की शुरुआत की। इससे पहले ब्याज दर बेस रेट के जरिए तय की जाती थीं। मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिग रेट के तहत बैंक ब्याज दर तय कर सकते हैं, यह दर लोन चुकाने के लिए कितने साल बाकी हैं उस पर भी निर्भर करेगी।
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