ग्वालियर। कांग्रेस के भीतर घमासान रुकने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को मुरैना में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवक कांग्रेस द्वारा काले झंडे दिखाए जाने का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि बुधवार को कांग्रेस विधायक गोविंद सिह ने यह कहकर आग में घी डाल दिया कि शायद कांग्रेसी महाराज(सिन्धिया)को पहचान नही पाए होंगे।
दरअसल गोविंद सिह का यह बयान सिंधिया के कुछ दिन पूर्व दिए गए इस बयान कि मैं नही जानता गोविंद सिंह कौन है का पलटवार था। दोपहर होते होते अपनी बेबाक बयानी के लिये जाने जाने वाले कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कह डाला कि सिंधिया को आम कार्यकर्ता के सुख दुख में शामिल होना चाहिए। मुरैना घटना की निंदा करते हुऐ सज्जन ने कहा कि जो कार्यकर्ता कड़ी धूप की परवाह किये बिना पार्टी के हित में खड़ा रहता है, उसके लिये घर और गाड़ी, दोनों के दरवाजे चौबीस घंटे खुले रहने चाहिए।
शाम होते होते सिन्धिया को मुरैना में काले झंडे दिखाने वाले कांग्रेसियों पर निलम्बन की गाज गिर गई और गोविंद सिंह के खिलाफ सिंधिया के धुर समर्थक माने जाने वाले तीन पूर्व विधायकों गोविंद राजपूत, तुलसी सिलावट और प्रधुम्न सिंह तोमर ने मोर्चा खोल उन्हे पार्टी से बाहर करने की मांग कर डाली। हालांकि छह बार के विधायक गोविंद सिह के खिलाफ पार्टी ऐसा करने का साहस जुटा पाएगी, इसमें संशय है। सज्जन के खिलाफ अभी कोई सुर नही उभरा है लेकिन पार्टी के यह हालात बता रहे है कि बड़े नेताओं के खिलाफ अब असंतोष चरम पर है।