बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में रविवार देर रात कांवड़ियों के ऊपर पथराव के बाद बवाल हो गया। कांवड़ियों का आरोप है कि पेट्रोल फेंककर उन्हें जलाने की भी कोशिश की गई। पथराव और फायरिंग के बाद कांवड़ियों के साथ सैकड़ों गांव वाले रात से ही धरना दे रहे हैं। वे बवालियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात है।
बागपत में काठा गांव के युवा शिव मंदिर कांवड़ संघ के बैनर तले विशाल कांवड़ लेकर पिछले तीन साल से हरिद्वार जाते हैं। रविवार रात को जब कांवड़िए भजन गाते हुए गांव पहुंचे तो वहां हाईवे पर किनारे ईंट ढोने वाला ट्रक खड़ा था। कांवड़ियों का आरोप है कि ट्रक के पास संप्रदाय विशेष के कई दर्जन युवक खड़े थे। कांवड़ को निकालने में जगह की कमी दिखाई दी तो उन्होंने युवकों से हटने का अनुरोध किया। इसी बीच कांवड़ियों व इन युवकों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि इसी बीच युवाओं ने अपने घरों की छतों पर चढ़कर कांवड़ियों पर पथराव कर दिया। इसमें करीब डेढ़ दर्जन लोग घायल हो गए। कांवड़ियों पर फायरिंग करने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
कांवड़ियों का कहना है कि उनके ऊपर पेट्रोल का कनस्तर भी फेंका गया। उनके अनुसार हमला करने वाले करीब ढाई सौ लोग थे। बवाल देख गांव के लोग भी घरों से निकल आए और हंगामा शुरू कर दिये। वहां खड़ी एक कार को आग लगा दी गई। ट्रक व दो बाइकों में भी तोड़फोड़ की गई। लोगों का आरोप है कि तोड़फोड़ व आगजनी की घटना भी बवालियों द्वारा ही की गई, जिससे उनको सहानुभूति मिल जाए।
इस बवाल में कई कांवड़िये घायल हो गये। राधा का किरदार निभाकर नृत्य कर रहा युवक गंभीर है। इसके अलावा जयराम के सिर में गहरी चोट आई है। वीरेंद्र का पैर टूट गया। कांवड़ का स्पीकर व माइक टूट गया। मौके पर पुलिस पहुंची, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं कर सकी। कांवड़ियों ने हाईवे जाम कर दिया। कुछ देर बाद जिलाधिकारी हृदय शंकर तिवारी व एसपी पूनम भी मौके पर पहुंच गईं। दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और कार में लगी आग बुझाई। डीएम व एसपी को भी लोगों का आक्रोश ङोलना पड़ा। हाईवे पर बवाल व जाम की सूचना मिलने पर दिल्ली व बड़ौत की ओर से आने-जाने वाले वाहन जहां थे, वहीं खड़े हो गए। जो वाहन काठा गांव के नजदीक पहुंच गए थे वे वहां से वापस लौट गए।
हाईवे पर खडे ट्रकों ने करा दिया बवाल
बिना पार्किग के अवैध रूप से खडे इन ट्रकों पर प्रशासन के भी कोई संज्ञान नहीं लिया जिसके बाद काठा में फिजा बिगडने तक की नौबत आ गयी। सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन संख्या में पांच-छह ही थे। पुरामहादेव में ड्यूटी की वजह से पर्याप्त संख्या में तुरंत एक्शन नहीं लिया जा सका। उधर, गुस्साई भीड़ हंगामा और तोड़फोड़ करती रही। पुलिस असहाय होकर किनारे खड़ी रही। काफी देर बाद मौके पर सैकड़ों पुलिसकर्मी पहुंचे।
तनाव की स्थिति
काठा गांव में पथराव के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हर तरफ संप्रदाय विशेष के लोगों की इस हरकत की आलोचना हो रही है। गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। समाचार लिखे जाने तक घटना स्थल पर धरना जारी रहा।
पहली बार बिगड़ा माहौल
गांव के कुछ लोगों ने बताया कि काठा गांव में हाईवे किनारे ही संप्रदाय विशेष के कई घर हैं। यहां कभी माहौल नहीं बिगड़ा। पता नहीं पहली बार ऐसा क्यों हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि बाहर के लोगों ने आकर बवाल किया।
संवेदनशील क्षेत्र के बाद भी नहीं रहा पर्याप्त इंतजाम
बागपत – काठा गांव को भी उन संवेदनशील गांवों में शामिल किया गया था, जिसकी लिस्ट प्रशासन ने तैयार की थी। काठा गांव में कांवड़ यात्रा के रास्ते में शिव मंदिर व दुर्गा मंदिर तथा ईदगाह व मस्जिद स्थित होने को आधार मानते हुए संवेदनशील माना था। पुलिस प्रशासन को यह भी मालूम रहा होगा कि यहां के लोग हर साल विशाल कांवड़ लेकर जाते हैं। रविवार रात जो बवाल हुआ इससे यही लगता है कि प्रशासन व पुलिस ने महज गांवों के नाम लिखे थे उस मुताबिक किसी अनहोनी से बचने के लिए कोई योजना नहीं बनाई थी। अगर ऐसा होता तो काठा गांव में यह बवाल इतना बड़ा रूप अख्तियार नहीं करता। जब झगड़ा होने की सूचना मिली तब भी पुलिस वहां समय से नहीं पहुंच सकी।