नई दिल्ली। डब्लूडब्लूई के रिंग में द ग्रेट खली का जलवा तो सबने देखा है। अब खबर है कि आने वाले दिनों में भारतीय खेल प्रेमियों को सुशील कुमार भी भारत का नाम रौशन करते दिख जाएं। ओलंपिक में दो बार देश को मेडल दिला चुके पहलवान सुशील कुमार अगले साल WEE के रिंग में उतर कर विदेशी रेसलरों को धूल चटाने की तैयारी में हैं।
जिस तरह से खली ने अंडरटेकर को कई बार रिंग में पीटकर उनका खौफ कम करने का काम किया था हो सकता है कि सुशील कुमार भी इसी तरह से डब्लूडब्लूई के सुपरस्टार जॉन सीना और रोमन रोन्स को पटकते नजर आएं। एक हिंदी समाचार की रिपोर्ट के अनुसार डब्लूडब्लूई के टैलेंट डेवलपमेंट के हेड सैनयन सीमैन की इसी सिलसिले में सुशील कुमार से मुलकात होनी है। सुशील का बिजनेस देखने वाली कंपनी सुपर स्पोर्ट्स ने कहा है कि सुशील के सामने सभी ऑप्शन खुले हैं।
WEE के संचालक भारत को काफी बड़े मार्केट के तौर पर देखते हैं। इस खेल को भारत में लोकप्रिय बनाने के लिए भारत में डब्लूडब्लूई के मुकबले कराने से लेकर इसकी फाइट को हिंदी में दिखाने जैसे कई कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा भारत लगातार ऐसे पहलवान दे रहा है जो अंतररष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। डब्लूडब्लूई आगे भी से भारतीय पहलवान लेने की योजना बना रहा है।
सुशील कुमार ने रियो ओलंपिक में देश की ओर से भाग न ले पाने पर निराशा जाहिर की थी। इस टूर्नामेंट के लिए रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से नरसिंह यादव को भेजा गया था जो डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से एक भी मुकाबला नहीं लड़ सके थे। सुशील और यादव की कैटिगरी एक होने के बाद सुशील ने कहा था कि उनमें और यादव में मुकाबला कराकर बेहतर खिलाड़ी को ओलंपिक भेजा जाना चाहिए। जबकि नरसिंह का कहना था कि ओलंपिक कोटा उन्होंने जीता है तो वह ही ओलंपिक जाएंगे।
33 साल के रेसलर सुशील कुमार 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण और 2010, 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। साल 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था।