खुद को देवी का अवतार बताने वाली और अक्सर विवादों में रहने वाली धर्मगुरू राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर की फिर से जूना अखाड़े में वापसी हो गई है. प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ से पहले राधे मां के महामंडलेश्वर पद की बहाली को लेकर एक बार फिर विवाद गरमा गया है.
दरअसल, जूना अखाड़े ने राधे मां का निलंबन रद्द करके न सिर्फ उन्हें बहाल कर दिया है बल्कि उनकी महामंडलेश्वर की पदवी भी लौटा दी है. राधे मां की तरफ से दिए गए माफीनामा के बाद अखाड़े ने यह फैसला लिया है. जबकि पिछले साल अखाड़े ने राधे मां का नाम फर्जी बाबाओं की सूची में डाल दिया था. इसके अलावा उनकी महामंडलेश्वर की पदवी भी छीन ली थी. गौरतलब है कि राधे मां का लगभग 5 बार महामंडलेश्वर का पद निरस्त ही चुका है.
विरोध की वजह
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी को बिना विश्वास में लिए हुए राधे मां को महामंडलेश्वर पद पर दोबारा से नियुक्त कर दिया गया है, जिसको लेकर संत समाज में काफी रोष है. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े में राधे मां की वापसी की खबर सुनकर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी दुखी हैं. हालांकि, अखाड़ा अपने निर्णय करने में स्वतंत्र होता है उसमें आचार्य महामंडलेश्वर की कोई भूमिका नहीं होती है. स्वामी अवधेशानंद गिरि जी अखाड़े से प्रार्थना की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए जिससे श्रद्धालु समाज में असंतोष पैदा न हो.
पंजाब से नाता
राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था. इनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले व्यापारी सरदार मोहन सिंह से हुई. शादी के बाद राधे मां के पति कतर की राजधानी दोहा में नौकरी के लिए चले गए. बदहाली की हालत में सुखविंदर ने लोगों के कपड़े सिलकर गुजारा किया. 21 साल की उम्र में वे महंत रामाधीन परमहंस के शरण में जा पहुंचीं. परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी और इसके साथ ही उन्हें नाम दिया राधे मां. इसके बाद वह मुंबई आ गईं और वो राधे मां के नाम से मशहूर हो गईं.
दर्ज हो चुके केस
गौरतलब है कि पिछले साल ढोंगी बाबाओं और संतों की एक लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें राधे मां का नाम भी शामिल था. राधे मां पर दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और धमकाने समेत कई तरह आरोप लगे. पंजाब हाईकोर्ट ने भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal