राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 14 साल में कोई दंगा नहीं हुआ जबकि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में मुजफ्फरनगर में मुसलमान मारे जा रहे थे. सिंह ने यहां ‘मोदी अगेन पीएम मिशन’ कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव को नहीं छोड़ा बल्कि उन्हें दो बार पार्टी से निकाला गया. उन्होंने कहा कि जब मुजफ्फरनगर में दंगे में मुसलमान मारे जा रहे थे तब यादव परिवार सैफई महोत्सव में व्यस्त था.
उल्लेखनीय है कि सपा नेता अखिलेश यादव ने पिछले दिनों आरोप लगाया है कि दरअसल अमर सिंह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. इसके पीछे कारण यह माना जाता है कि अमर सिंह की पिछले कुछ महीनों में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई मुलाकातें हुई हैं. यहां तक कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से एक प्रसंग की चर्चा के दौरान अमर सिंह का जिक्र कर दिया. उसके बाद से ही अमर सिंह के हौसले बुलंद दिख रहे हैं और सपा को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में अचानक सपा नेता अखिलेश यादव पर हमला कर उनको समाजवादी की जगह ‘नमाजवादी’ नेता कहने लगे हैं. सिर्फ इतना ही नहीं सपा के दूसरे बड़े नेता आजम खान के ‘घर’ में घुसकर उनको चुनौती तक दे आए. यानी रामपुर में जाकर उन्होंने आजम खान पर करारे हमले किए. यह किसी से छुपा नहीं है कि अमर सिंह और आजम खान लंबे समय से सियासी प्रतिद्वंद्वी हैं.