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चुनाव आयोग ने 255 पार्टियों को किया डी-लिस्‍ट

%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97नई दिल्ली। चुनाव आयोग की ओर से फर्जी राजनीतिक दलों पर बड़ी कार्रवाई किए जाने की खबर है। जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने 255 राजनीतिक दलों को असूचीबद्ध (डी-लिस्‍ट) कर दिया है।

आयोग के इस कदम के बाद अब सिस्टम से फर्जी सियासी दल बाहर हो जाएंगे। वहीं, चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि सीबीडीटी इन 255 फर्जी राजनीतिक दलों के अकाउंट की जांच करे। अब 255 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के वित्तीय ब्योरे की जांच की जाएगी।

 कुल फर्जी राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा 52 पार्टियां दिल्ली से रजिस्टर्ड हैं। ऐसे ही एक फर्जी दल का पता 17, अकबर रोड नई दिल्‍ली पंजीकृत है। वहीं, एक पार्टी जम्मू-कश्मीर के सीआईडी के कार्यालय के पते पर रजिस्‍टर्ड है।

 उत्तर प्रदेश से 41, तमिलनाडु से 30, महाराष्ट्र से 24 फर्जी दल सामने आए हैं। इन 255 दलों ने 2005 से 2015 तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग की इस कार्रवाई के बाद फर्जी राजनीतिक दलों को अब अन्य मान्यता प्राप्त की तरह टैक्स छूट नहीं मिलेगी।  

आयोग ने कहा कि जांच करने पर चुनाव मशीनरी ने पाया कि कुछ पार्टियां अब अस्तित्व में हैं ही नहीं या काम नहीं कर रहीं। चुनाव आयोग ने सीबीडीटी से कहा है कि यदि पार्टियों को कानून का उल्लंघन करते पाया जाए तो जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29-बी और 29-सी के प्रावधानों के मद्देनजर जरूरी कार्रवाई’ की जाए।

धारा 29-बी के तहत यदि कोई व्यक्ति या कंपनी, सरकारी कंपनी को छोड़कर, किसी राजनीतिक पार्टी को स्वेच्छा से कितनी भी रकम की पेशकश करे तो हर राजनीतिक पार्टी ऐसे चंदे को स्वीकार कर सकती है।

धारा 29-सी के तहत किसी राजनीतिक पार्टी का कोषाध्यक्ष या पार्टी की ओर से अधिकृत व्यक्ति हर वित्तीय वर्ष में ऐसे चंदों पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा जिसमें किसी व्यक्ति ने 20,000 रुपए से ज्यादा की रकम दी हो, और जिसमें किसी कंपनी, सरकारी कंपनी को छोड़कर, ने 20,000 रुपए से ज्यादा की रकम दी हो।

आयोग के पास किसी राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत करने का अधिकार तो है, लेकिन चुनावी कानूनों के तहत उसके पास किसी पार्टी को अपंजीकृत करने का अधिकार नहीं है।

किसी पार्टी को अपंजीकृत करने का अधिकार दिए जाने की आयोग की मांग कानून मंत्रालय में लंबित है। हालांकि, आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल कर निष्क्रिय हो चुकी और लंबे समय से चुनाव नहीं लड़ने वाली पार्टियों को असूचीबद्ध किया है।

देश में 1780 से ज्यादा पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं। इसके अलावा, सात राष्ट्रीय पार्टियां हैं जिनमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और एनसीपी शामिल हैं। देश में 58 राज्य स्तरीय पार्टियां हैं।

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