श्रीनगर: 25 वर्षीय मास्टर ऑफ बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) के स्नातक कि माँ ने अपने बेटे से गुनाह का रास्ता छोड़ घर लौट आने के लिए गुहार लगाई है. उनका बेटा हाल ही में हिजब-उल-मुजाहिदीन समूह में शामिल हो गया था, जिसके बाद से उसकी माँ उसे जुर्म का रास्ता छोड़ घर वापिस आने के लिए आवाज़ दे रही है. कटरा विश्वविद्यालय से एमबीए पासआउट छात्र हरून अब्बास वानी, पहले एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहा था, लेकिन वह बाद में वह आतंकियों के बहकावे में आकर 1 सितंबर को आतंकवादी संगठन हिजब-उल-मुजाहिदीन में शामिल हो गया. 
इस बात का पता घरवालों को तब चला जब 4 सितंबर को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बंदूक चलाते हुए अपने बेटे की तस्वीर देखी, इस तस्वीर को देखने के बाद युवक के परिवार को गहरा सदमा पहुंचा. एक टीवी चैनल के माध्यम से अपने बेटे को बुलाते हुए वानी की सौतेली माँ नुसरत बेगम ने कहा है कि, “हम वास्तव में आश्चर्यचकित हैं कि उसने परिवार को संकट में छोड़कर यह कदम उठाया है, हम चाहते हैं कि वह वापस आ जाए क्योंकि असली जिहाद बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करना है,न कि हिंसा के रस्ते को अपनाना.” वानी की दादी सुगरा बेगम ने भी अपने पोते को विनाश का मार्ग छोड़ने और तुरंत घर लौटने की अपील की है.
उन्होंने कहा है कि “तुमने हमारे सपने बिखर दिए हैं, आपने अपने भाई के विवाह के लिए घर वापस आने का वादा किया था, लेकिन तुमने वादा तोड़ दिया और हमें संकट में छोड़ दिया. तुमने यह भी नहीं सोचा कि तुम्हारी बीमार मां के साथ क्या होगा और कौन उसके लिए दवाएं लाकर देगा.” दादी ने कहा, “तुमने बंदूक उठाई और अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ दिया, इस तरह तुम कोई उद्देश्य हल नहीं कर सकोगे , जिहाद बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करना है, हिंसा के मार्ग को अपनाना नहीं है.”
आपको बता दें कि वानी इस साल जुलाई के बाद आतंकवादी संगठन में शामिल होने वाले घाटी के दूसरे युवा हैं. इससे पहले, साज़ान गांव का एक मजदूर अबीद हुसैन भाट लश्कर-ए-तोइबा में शामिल हो गया था. बाद में उसे कई अन्य आतंकवादियों के साथ अनंतनाग जिले के सुरक्षा कर्मियों ने गोली मार दी थी.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal