मुंबई हमले के इकलौता जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी देने के लिए मुंबई से पुणे ले जाने का अभियान अति गोपनीय था और कूट वाक्य से उसके पुणे जेल पहुंचने की पुष्टि की गई थी जहां दूसरे दिन उसे फांसी दे दी गई.
इस अभियान में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘पार्सल रिच्ड फॉक्स्ड’ से पुष्टि की गई कि जिस वाहन से कसाब को ले जाया जा रहा था वह पुणे जेल पहुंच चुका है. अधिकारी ने बताया कि इस पूरे अभियान में इस तरह के सात कूट-शब्द और कूट-संदेश इस्तेमाल किए गए थे और ‘पार्सल रिच्ड फॉक्स्ड’ उनमें से एक था. यह दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच का अंतिम कूट-संदेश था.

यह अभियान इतना गोपनीय था कि इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के हैंडसेट और मोबाइल फोन बंद कर दिए गए थे. उन्हें एक बैक में बंद कर दिया गया था. बस दो हैंड सेट चल रहे थे. अधिकारी ने बताया कि तीन घंटे के इस सफर के दौरान कसाब ने एक लफ्ज नहीं कहा. तीन बजे भोर में जब उसे यरवदा जेल के अधिकारियों को सौंपा गया तब भी उसके माथे पर कोई शिकन नहीं थी.
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