तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने सोमवार को कहा कि समाजवाद की अवधारणा पूंजीवाद से बेहतर है. हालांकि उन्होंने इस अवधारणा से चीन को बाहर रखा. चीन पर एक सवाल के जवाब में दलाई लामा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समाजवाद की अवधारणा पूंजीवाद से बेहतर है. हालांकि चीन में समाजवाद बेहतर स्थिति में नहीं है.’’
गया जिले में महाबोधि मंदिर के बाहर उन्होंने कहा, ‘‘वहां (चीन में) सत्ता केंद्रित है. बल्कि यह विकेन्द्रीकृत हो

नी चाहिए.’’ उन्होंने यह भी कहा कि चीन की सरकार शोषण करने वाली सरकार है. जो अपने ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि आज के इस आधुनिकता के दौर में प्रत्येक व्यक्ति को आज़ादी का अधिकार है. सभी को आजाद रहने का हक है. ऐसे में चाइना सरकार अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है. यह कहीं से भी ठीक नहीं है.
वहीं बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने बौद्ध धर्म के बारे में कहा कि यह सबसे अलग धर्म है जो सभी को एक समान देखता है. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का संदेश शांति, प्रेम, करुणा और आपसी भाईचारा का है. उन्होंने कहा कि यह धर्म आधुनिक विज्ञान पर आधारित है.. पिछले 30-40 वर्षों से भी मैं कई जगहों पर आधुनिक विज्ञान के साथ बौद्ध धर्म पर चर्चा करता आ रहा हूं. बौद्ध धर्म शांति और समानता की परंपरा पर आधारित है.
इससे पहले तिब्बतियों के शीर्ष बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा सोमवार को बिहार के बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में विशेष रूप से पूजा अर्चना की और और पवित्र बोधिवृक्ष भी गए और प्रार्थना की. उनके मंदिर पहुंचने को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बोधगया में एक तिब्बती मठ में 23 दिनों तक रहेंगे.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal