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तोप,गोला और हथियार सब हो जाएगा बेअसर, अब इंसानी शरीर होगा अमर

नई दिल्ली। दंत कथाओं और दादी-नानी की कहानियों में हम अक्सर अमरता के बारे में सुनते चले आए हैं। इन कहानियों ने इंसानों में हमेशा जीवित रहने की लालसा और अनन्त काल तक जीवन की इच्छा को भी बढ़ावा दिया है। पुराणों में भी इस बात का विवरण दिया गया है कि अमरता के लिए कई महान लोगों ने तपस्या का सहारा लिया लेकिन अफ़सोस कि कोई भी आज तक अमर नहीं हो पाया। इसके लिए यह भी कहा जाता है कि जो पैदा हुआ है, उसका अंत निश्चित है। हालांकि विज्ञान तो आज इस कथन को गलत साबित करने में जुटा है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में विज्ञान की ऐसी तस्वीर उभर कर सामने आएगी, जो इंसान को अमरता दिलाएगी।

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जब कम्प्यूटर में उतर जाएगा इंसानी दिमागी

विज्ञान और तकनीक के विशेषज्ञों का विश्वास है कि भविष्य में हम ऐसी तकनीक बनाने में सफल होंगे, जो इंसानी दिमाग को कम्प्यूटर में स्टोर कर लेगी। ठीक वैसे ही, जिस तरह से इस दौर में किसी डिस्क या पेन ड्राइव में डाटा को स्टोर किया जाता है। दुनिया के महान वैज्ञानिक इस दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा चुके हैं।

फिलहाल अभी यह महज कल्पना मात्र है, लेकिन अगर ऐसा संभव हो पाया तो इंसान के विचारों और यादों को ज़िंदा रखा जा सकेगा।

लैब में मानव अंग विकसित करना

जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान दिनचर्या में लोगों के इंटरनल ऑर्गन ज्यादा प्रभावित होते हैं। इलाज के लिए अंगों के प्रत्यारोपण की तकनीक भी विकसित हो चुकी है लेकिन अंगदान के अभाव में अब भी कितने ही इंसान मौत के मुंह में समा जाते हैं। जिस तरह की लैब की कल्पना की जा रही है उसमें मानव अंगों का विकास होगा। अगर ऐसी लैब विकसित हो पायी तो किसी भी इंसान को अंग प्रत्यारोपण के लिए इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। इन हालात में अमरता की ओर कदम बढ़ना भी मुमकिन है।

मानव अंगों में मशीनी पुर्जों का प्रत्यारोपण

मानव अंगों में मशीनी पुर्जों का प्रत्यारोपण तो हम कर ही रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पेसमेकर है। ये मशीन इंसान के दिल में लगाई जाती है। इन सब के बावजूद अब भी हम ऐसे मशीनी अंगों का निर्माण नहीं कर पाए हैं जो इंसानी जिस्म के साथ ऐसा तालमेल बैठा लें, ताकि इंसान को ऐसा अहसास न हो कि उनके शरीर में कोई खामी भी थी। इस तरह के खास मशीनी पुर्जों का विकास तेजी से होगा तो अमरत्व प्राप्त करना कोई मुश्किल काम नहीं होगा।

नैनो टेक्नोलॉजी

नैनो टेक्नोलॉजी के बारे में तो आज का इंसान भली प्रकार से जानता है लेकिन अब इसका उपयोग इंसान के जीवन को बचाने और उसे दीर्घायु बनाने के लिए किया जा रहा है। दुनिया के महानतम वैज्ञानिक इस दिशा में जोरशोर से काम कर रहे हैं ताकि बालों से भी छोटे आकर के ऐसे रोबोट तैयार किए जा सके जो इंसानी शरीर में किसी इंजेक्शन की भांति प्रवेश कराए जा सकें। शरीर के अंदर जाकर ये रोबोट दिए गए निर्देशों के मुताबिक न सिर्फ मर्ज को ढूंढ निकालेंगे बल्कि उसे जड़ से खत्म करने में भी सफल होंगे।

विलक्षणता

यह एक वैज्ञानिक शब्द है। इसके माध्यम से वैज्ञानिक इस दिशा में खोज कर रहे हैं कि इंसान का बौद्धिक विकास इस हद तक बढाया जाए कि उसका अंत ही न हो। कोई भी ताकत और हथियार के हमले के बावजूद इंसान को मिटाना असंभव हो जाए। अगर ऐसा संभव हुआ तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस भगवान की कल्पना आज इंसान करता है, कल उसी का स्तर प्राप्त कर लेगा।

युवा रक्त

वैज्ञानिकों का मानना है कि युवा रक्त ऊर्जावान होता है। किसी बुजुर्ग के खून में युवा इंसान का खून मिलाने से उसके शरीर के साथ उसके दिमागी स्तर पर भी गजब का असर पड़ता है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने चूहों पर एक प्रयोग किया। इस टेस्ट में एक बुजुर्ग चूहे को युवा चूहे का खून चढ़ाया गया। ऐसा करने पर बुजुर्ग चूहे में गजब का परिवर्तन नजर आया। खून चढाने के बाद ही उसके दिमाग ने नई कोशिकाओं (सेल्स) को बनाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उसमें युवाओं की भांति ऊर्जा और प्रतिक्रिया देखी गई। ऐसा लगा कि मानो जैसे वो एकदम से जवान हो उठा हो।

 
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