नई दिल्ली । भारत रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप बी मुकाबले में खेलने उतरेगा। ये दोनों के लिए करो या मरो का मुाकाबला होगा। भारतीय टीम की तरफ से सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि टीम के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह मिलती है या नहीं।
अश्विन को चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ पहले दो मैचों में अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली। भारत ने पाकिस्तान को आसानी से हराया था लेकिन श्रीलंका के खिलाफ उसे 321 रन का मजबूत स्कोर बनाने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में भारतीय गेंदबाजी की कुछ कमजोरियां भी सामने आईं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तय करनी होगी गेंदबाजी की रणनीति- दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नॉकआउट मुकाबले के लिए टीम प्रबंधन को अपने गेंदबाजी आक्रमण के बारे में रणनीति पहले से ही तय कर लेनी होगी और इस रणनीति में यह भी तय कर लेना होगा कि अश्विन को एकादश में मौका मिलता है या नहीं।
105 मैचों में 145 विकेट ले चुके अश्विन दुनिया के सबसे अनुभवी ऑफ स्पिनर है और उनके अनुभव का इस्तेमाल होना चाहिए। अश्विन निचले क्रम में रन बनाने में भी सक्षम है। लेकिन भारत को अपने गेंदबाजों से रन से ज्यादा विकेटों की जरुरत है जो श्रीलंका के खिलाफ मैच में नहीं मिल पाए थे।
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