रायपुर। दस साल पहले प्राइमरी-मिडिल स्कूल में मिड डे मील पकाने के लिए बांटे गए गैस सिलेंडर और चूल्हे गायब हो गए हैं। ‘नईदुनिया’ ने पड़ताल की तो पाया कि ज्यादातर स्कूलों में गैस सिलेंडर का अता-पता नहीं है। कुछ जगह पर सिलेंडर चोरी हो गए हैं तो कहीं स्कूल के चपरासी या शिक्षक के घर में सिलेंडर रखे हुए हैं। कुछ स्कूलों में सिलेंडर इस्तेमाल नहीं होने से कबाड़ भी हो चुके हैं।
यह स्थिति तब है जब केंद्र सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ईधन के रूप में एलपीजी गैस का इस्तेमाल करने के लिए कहा है। इसका पालन नहीं कर लकड़ी के जरिए भोजन पकाया जा रहा है। इससे भोजन पकाने वालों सहित बच्चों पर भी प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
राज्य के शिक्षा विकासखंडों में साल 2004-05 में 12500 स्कूलों में एक जोड़ी गैस सिलेंडर और एक चूल्हा दिया गया था। लोक शिक्षण संचालनालय ने करीब दो करोड़ रुपए में खरीदारी की थी। गैस सिलेंडर वितरण होने के दस साल बाद भी गैस रिफिलिंग के लिए बजट नहीं दिया गया। नतीजा यह हुआ कि ये सिलेंडर कब कहां से गायब हो गए किसी को कानोकान खबर ही नहीं लगी।
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