लखनऊ। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2016-17 की बिजली दरों की घोषणा कर दी है, यह दरें एक सप्ताह बाद से लागू होंगी। घोषित नई बिजली दरों में घरेलू व किसानों की बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। नये टैरिफ के मुताबिक वाणिज्यक विद्युत उपभोक्तओं की दरों में लगभग सात प्रतिशत तथा ग्रामीण वाणिज्यक विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। इसी तरह टम्परेरी सप्लाई में लगभग 10 प्रतिशत की स्टेट टयूबल में लगभग आठ प्रतिशत की और एचवी-1 नान इन्ड्रस्टियल में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। वाणिज्यक विद्युत उपभोक्ताओं के मिनिमम चार्ज में कटौती की गयी है। इसके साथ ही ड्यू डेट से पहले बिल जमा करने पर उपभोक्ताओं को अब 0.50 प्रतिशत छूट का प्राविधान भी किया गया है।
नियामक आयोग द्वारा सोमवार को नई बिजली दरों के संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिजली दरें इस तरह से तय की गयी है कि उपभोक्ताओं पर अधिक भार डाले बिना बिजली कंपनियों को बढ़ी हुई लागत मिल सकें। नई बिजली दरों में यह ध्यान रखा गया है कि अधिक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की तुलना में कम बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें कम रहे।
नई घोषित दरों में आर्थिक तौर पर पीडित कंपनियों को पुर्नजीवित करने के लिए केंद्र सरकार की उदय योजना के तहत दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम को 23.82 प्रतिशत, मध्याचंल में 21.52 प्रतिशत, पूर्वाचंल में 20.20 प्रतिशत, पशिचमाचंल में 21.57 प्रतिशत तथा केस्कों में 22.51 प्रतिशत प्रस्तावित विद्युत हानि की मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा नियामक आयोग ने प्रदेश सरकार द्वारा सूखाग्रस्त अधिसूचित 50 जिलों में एक मुश्त भुगतान योजना (ओटीएस) योजना के तहत में 10 प्रतिशत की वृद्धि को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया है। आयोग ने बुंदेलखंड के किसानों की परेशानियों का संज्ञान लेते हुए ग्राम सभाओं के निजी नलकूप उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों के लगने तक न्यूनतम भुगतान 100 रुपये प्रति बीएचपी प्रति माह कर दिया है। नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज-2 में कोई वृद्धि नहीं की है तथा दक्षिणाचंल, पूर्वाचंल और मध्याचंल विद्युत वितरण निगम के लिए रेगुलेट्री सरचार्ज में वृद्धि के बावजूद 4.28 प्रतिशत की दर लागू रखी है। जबकि पश्चिमाचंल विद्युत वितरण निगम की अच्छी कार्यक्षमता को देखते हुए नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए रेगुलेट्री सरचार्ज-2 को 4.28 से घटा कर 3.03 प्रतिशत कर दिया है। आयोग ने नये टैरिफ आदेश में वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए कोई राजस्व रिक्तत्ता नहीं दी है।
नियामक आयोग ने ऐसे उपभोक्तओं को जिन्होने अपने अनुबंधित भार क्षमता के बराबर सोलर प्लांट लगा लिया है उन्हे न्यूनतम प्रभार से तथा सोलर वाटर हीटर लगाने पर 100 रुपये प्रतिमाह की छूट दी है। आयोग ने सिस्टम लोडिंग चार्जेज पर भी रोक लगा दी है। प्रपेड मीटर उपभोक्तओं की बिजली दरों पर 1.25 प्रतिशत की छूट को बनाये रखा गया है। आयोग ने मासिक बिलों का अग्रिम भुगतान करने के प्राविधान को बनाये रखने का फैसला लिया है। अग्रिम भुगतान पर उपभोक्ता द्वारा जमा राशि पर उन्हे ब्याज भी दिया जायेगा।