पंजाब आम आदमी पार्टी की कलह और बढ़ गई है। आप नेतृत्व द्वारा नेता विपक्ष से हटाए गए सुखपाल सिंह खैहरा ने शुक्रवार को खुलकर अाक्रामक तेवर दिखाए। उन्होंने कंवर संधू सहित 11 विधायकों के साथ प्रेस कान्फेंस किया। उन्होंने इस तरह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत कर दी और मोर्चा खोल दिया। खैहरा और संधू ने ऐलान किया कि 2 अगस्त को बठिंडा में आप कि विधायकों, राज्य पदाधिकारियों, जिला व ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी व राज्यभर के आप वर्कर्स भाग लेंगे।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कान्फेंस में खैहरा के साथ वरिष्ठ नेता कंवर संधू सहित 11 विधायक मौजूद हैं और अभी मीडिया से बातचीत चल रही है। खैहरा आैर संधू ने बताया कि अभी कई विधायक इस प्रेस कान्फेंस व बैठक के लिए आ रहे हैं। वे अभी रास्ते में हैं। खेैहरा के साथ कवर संधू, नाजर सिंह माशाहिया जगदेव सिंह, बलदेव सिंह, पिरामल सिंह खालसा, जगतार सिंह सहित 10 विधायक मौजूद थे। बाद में दो-तीन विधायक आैर पहुंचे। कंवर संधू का कहना है कि इस संबंध में पार्टी प्रधान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को एक पत्र भी लिखा गया है। इसमे उन्हें अपने फैसले को रिव्यू करने की मांग की गई है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सुखपाल सिंह खैहरा को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। इसके साथ ही पंजाब विधानसभा में उनका नेता विपक्ष का पद भी उनसे छिन गया है। वरिष्ठ नेता कंवर संधू ने भी आप विधायक दल का प्रवक्ता पद छोड़ने का ऐलान कर दिया।
आज यहां आयोजित बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि खैहरा को आप विधायक दल के नेता पद से हटाने के फैसले की समीक्षा की जाए। यह पार्टी को कमजोर करने वाला कदम है। पूरे मामले पर विचार-विमर्श के लिए 2 अगस्त को बैठक होगी। उन्हाेंने दावा किया कि बठिंडा में होने वाली इस बैठक में सभी विधायक, निचले स्तर के सभी पदाधिकारी और वर्कर शामिल होंगे।
नेताओं ने कहा कि खैहरा को बिना किसी नोटिस के हटाया गया और निर्धारित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। नाजर सिंह मानशाहिया कहा कि कल मनीष सिसोदिया का फोन आया था। मुझे हैरानी हुई। खैहरा को शो कॉज नोटिस देकर पूछे बिना इस तरह का कदम उठाया। विधायकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हाईकमान से उन्हें फोन आया कि खैहरा को पद से हटा दिया गया है। जब उन्होंने यह बात सुनी तो वे हतप्रभ रह गए। विधायकों ने कहा कि उन्हें एक बार भी नहीं पूछा गया खैहरा को हटाना है या नहीं या फिर किसे लगाना है। हाईकमान को चाहिए था कि वह एक बार विधायकों को विश्वास में लेता।
वरिष्ठ आप नेता कंवर संधू ने आप विधायक दल का प्रवक्ता पद छोड़ा
वीरवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा था कि खैहरा को नेता विपक्ष के पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह हरपाल सिंह चीमा आप विधायक दल व पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष होंगे। दूसरी ओर, आप के वरिष्ठ नेता कंवर संधू ने ट्वीट कर चीमा को अाप विधायक दल का नेता बनाए जाने पर बधाई दी है। इसके साथ ही कंवर संधू ने तुरंत प्रभाव से आप विधायक दल के प्रवक्ता पद को छोड़ने की इच्छा जताई है।
आम आदमी पार्टी में फिर मचेगा घमासान, अब आगे की राह नहीं आसान
बता दें कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में काफी दिनाें से खींचतान और रस्साकसी चल रही थी। दो दिन पहले ही खैहरा ने विधायक दल की बैठक बुलाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। आप विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने से पार्टी की पंजाब इकाई में कलह और खींचतान तेज होने की संभावना है।
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही खैहरा थे निशाने पर, कांग्रेस व अकाली दल को हमेशा खड़ा किया कठघरे में
हरपाल सिंह चीमा दिड़बा से विधायक हैं। आप के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया है कि ‘ आप ने पंजाब में अपना नेता विपक्ष बदलने का फैसला किया है। दिड़बा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरपाल सिंह चीमा पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष होंगे।
खैहरा बोले- सच के लिए सौ एेेसे पद कुर्बान
उधर, सुखपाल सिंह खैहरा ने भी पूरे मामले पर ट्वीट किया। खैहरा ने ट्वीट में कहा कि मैंने नेता विपक्ष का पद तुरंत छोड़ दिया है। मैंने नेता विपक्ष के तौर पर पूरी निष्ठा, गंभीरता और निर्भीक होकर पंजाब व पंजाबियाें की भलाई के लिए कार्य किया। यदि सच बोलने और पंजाब व पंजाबियों का समर्थन करने से यह पद जाता है तो मुझे यह मंजूर है। सच आैर न्याय के लिए एक क्या ऐसे 100 पद कुर्बान हैं।
कांग्रेस, शिअद व भाजपा जो चाहती थी, पार्टी ने कर दिया
सुखपाल खैहरा ने नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी जो चाहती थी, पार्टी ने वह कर दिया। मैं इस फैसले से आश्चर्यचकित नहीं हूं। उन्होेंने फोन पर बातचीत में बताया कि वह पंजाब के हितों की लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।
बता दें के पिछले दिनों एक वीडिया जारी की खैहरा ने कहा था कि बीते दिनों पटियाला में खैहरा के दौरे को लेकर डाॅ. बलबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि खैहरा अब पैसे लेने लगे हैं।खैहरा ने बलबीर पर सीधा आरोप लगाया था कि उन्होंने कुछ कार्यकर्ताओं के बीच में यह बात कही है कि खैहरा पैसे लेने लगे हैं। खैहरा ने अपनी सफाई में कहा था कि वह पटियाला गए थे और एक कार्यकर्ता के आवास पर कुछ पार्टी के नेताओं से मिले भी थे। वहां पर एक नेता ने अपनी बहन की शादी का कार्ड दिया था। इसके अलावा किसी से भी उन्होंने कुछ नहीं लिया। कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके जवाब में डाॅ. बलबीर ने कहा था कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। अगर कोई बात थी भी तो खैहरा को पार्टी फोरम पर यह बात करनी चाहिए थी। इस मामले को लेकर खैहरा ने पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया से भी लिखित शिकायत की थी। सिसोदिया ने अपने स्तर से मामले की पड़ताल शुरू कर दी।
खैहरा को भी यह बात अच्छी तरह से पता थी कि दिल्ली हाईकमान में उनकी पैठ कमजोर है। यही वजह है कि कि ताजा मामले को लेकर खैहरा ने पार्टी के विधायकों की बैठक विधानसभा परिसर में स्थित पार्टी दफ्तर में बुलाई।
16 महीने में नेता प्रतिपक्ष पद पर तीसरा बदलाव, आप के लिए नकारात्मक संकेत की आशंका
कैबिनेट मंत्री के रैंक वाले इस पद पर पार्टी ने 16 महीनों में तीसरा फेरबदल कर पंजाब में अपनी राह में कांटे बिछा लिए हैं। लोकसभा चुनाव में आप की राह और मुश्किल हो गई है। गुटबाजी का शिकार होने के बाद प्रदेश से खत्म हो चुके आप के जनाधार में अब खैहरा व उनकी टीम सबसे बड़ी बाधा के रूप में सामने आ सकती है।
कांग्रेस में रहते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह का विरोध करने वाले खैहरा को आप ने एडवोकेट एचएस फूलका की जगह नेता प्रतिपक्ष बनाया था। उसके बाद खैहरा ने सबसे पहले अपने सियासी दुश्मन व कांग्रेस नेता राणा गुरजीत सिंह को रेत खनन के ठेकों पर कब्जे को लेकर घेरा और राणा को कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। करीब एक साल तक नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान खैहरा कांग्रेस व अकाली दल के लिए हमेशा मुश्किलें खड़ी करते रहे। अरविंद केजरीवाल और पार्टी की पंजाब विरोधी नीतियों की भी उन्होंने खुलकर आलोचना की। यही वजह थी कि हमेशा ही वह सभी के निशाने पर रहे।
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि तेज तर्रार नेता की छवि रखने वाले खैहरा ने इस पद पर रहते हुए अपने सियासी हित भी साधे। हाल ही में पटियाला के कुछ कार्यकर्ताओं से पैसे लेने के मामले को लेकर खैहरा और प्रदेश सह प्रधान डा. बलबीर सिंह आमने-सामने हो गए थे। सिसोदिया ने मामले की जांच के बाद खैहरा को हटाने का फरमान जारी कर दिया।
चीमा के सहारे अनुसूचित जाति वोट बैंक पर आप की नजरें
चीमा अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। इसलिए आप ने लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति वोट बैंक के मद्देनजर चर्चित चेहरों को दरकिनार कर चीमा पर दांव खेला है। हालांकि चीमा का कद पहले पार्टी को बड़ा करना चाहिए था, क्योंकि खैहरा को हटाने को लेकर पार्टी के अंदर चार माह से विचार हो रहा है। खास तौर पर मनीष सिसोदिया के हाथ में कमान आने के बाद से खैहरा उनके भी निशाने पर थे।
मेरे लिए खैहरा सीनियर नेता : चीमा
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद हरपाल चीमा ने कहा है कि सुखपाल खैहरा सीनियर नेता हैैं। वह सभी को साथ लेकर चलेंगे और पार्टी द्वारा सौंपी जिम्मेदारी को तनदेही से निभाएंगे। खैहरा को हटाने के बाद बढऩे वाली गुटबाजी को लेकर कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी कभी थी ही नहीं, आगे भी नहीं होगी। सभी विधायक पार्टी के साथ हैं।