लखनऊ। तुम मुझे यूं भूला न पाओगें, याद न जाए, बीते दिनों की जैसे कई पुराने गीतों सजी एक शाम संगीत नाटक अकादमी में गुरूवार को सजी। कार्यक्रम में रफी के एक से एक गीतों माहौल में मस्ती घोल दिया।
कॉर्नर स्टोन संस्था की ओर आयोजित रफी नाइट्स-2016 में कार्यक्रम की शुरुआत इंडियन आईडल के फाइनेलिस्ट मो. इमरान ने तुम मुझे यूं भूला न पाओगें से किया तो वहां मौजूद श्रोता तालियों की गड़गड़ाहट से अभिवादन किया। इसके बाद उन्होंने याद न जाए, बीते दिनों के, ऐ शहरे लखनऊ तुझे मेरा सलाम, गीत पर श्रोता खड़े हो गए और साथ में गीत गुनगुनाया।
इस गीत के बाद इमरान ने चाहूंगा मैं तुझे सांझ सेवरे गीत पर श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। पत्थर के सनम, तुझे हमने मोहब्बत का खुदा माना ने समां बांध दिया। प्रोग्राम के दूसरे गायक शिवांग माथुर ने गुलाबी आंखे जो तुने देखी गीत गाकर श्रोताओं को झुमने पर विवश कर दिया। इस गीत के बाद बार-बार देखू, हजार बार देखू, बदन पे सितारे लपटे हुए, गीतों पर श्रोता अपनी सीटों से उठकर मंच के पास आ गए और डांस किया। इसके बाद ना जा कहीं ना जा, मेरे दिल के सिवा गीत पर श्रोता खूब झूमे। कार्यक्रम की तीसरी गायिका श्रुति ने यह दिल तुम बिन लगता नहीं, मैं क्या कंरु, पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा हाल हमारा जाने हैं गीत गाया। इसके बाद इमरान और श्रुति ने बेखुदी में सनम, उड़े जब-जब जुल्फे तेरी गीतों के जरीये लोगों का खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम के अंत में सभी गायकों ने देश को सलाम करते हुए कर चले हम फिदा जाने तन, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों. गीत गाया। जिस पर सभी श्रोताओं ने खड़े होकर तालियां बजाई, और देश के जवानों को सलाम किया। कार्यक्रम के आयोजन डॉ. रोहित भदौरिया व पुष्कर गुप्ता ने किया।