पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स के संकेतों और मतगणना से ठीक एक दिन पहले शेयर बाजार में किसी ”अनहोनी” की आशंका में धाराशायी होता नजर आया। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन बाजार पर आशंका हावी होती दिखी, जिसकी वजह से बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स करीब 750 अंकों तक लुढ़कते हुए 35,000 के नीचे चला गया।
सोमवार को सेंसेक्स 713.53 अंकों की गिरावट के साथ 34,959.72 पर बंद हुआ। वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 217.95 अंक टूटकर10,500 के नीचे 10,475.95 पर बंद हुआ।
बीएसई का 30 शेयरों पर वाला इंडेक्स सेंसेक्स सुबह 468.59 अंकों की भारी गिरावट के साथ 35204.66 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 185 अंकों की कमजोरी के साथ 10,508.70 पर खुला था।
इसके बाद थोड़ी ही देर में बाजार में बिकवाली हावी हुई और सेंसेक्स देखते ही देखते 750 से अधिक अंकों का गोता लगाते हुए 35,000 के नीचे चला गया। विशेषज्ञों की माने तो विधानसभा चुनाव के नतीजे नियर टर्म में बाजार के लिए सबसे बड़ा ट्रिगर होगा।
कार्वी कमोडिटी के एक्सपर्ट रवि सिंह ने कहा, ‘राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में तमाम एग्जिट पोल के नतीजे मौजूदा सरकार की विदाई के संकेत दे रहे हैं। हालांकि अभी भी तस्वीर बिल्कुल साफ नहीं हुई है लेकिन एग्जिट पोल के संभावित संकेतों के कारण ही भारतीय शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट आई है।’
एग्जिट पोल का असर गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद शुक्रवार को आए एग्जिट पोल के मुताबिक राजस्थान में जहां सत्तारुढ़ बीजेपी के हाथ से सत्ता छिन सकती है और मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में उसका कांग्रेस के साथ करीबी मुकाबला है।
इसके साथ ही तेलंगाना में भी टीआरएस की वापसी होती नजर आ रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के लिए हुए चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।
विशेषज्ञों के मुताबिक छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के नतीजे अगले लोकसभा चुनाव का भी मिजाज तय कर सकते हैं। तीनों राज्यों में बीजेपी की सीधी लड़ाई कांग्रेस से हैं और अगर पोल्स के मुताबिक नतीजे आते हैं, तो इससे पस्त पड़ी कांग्रेस को ताकत मिलेगी।
कमजोर रुपये ने बिगाड़ी चाल हफ्ते के पहले कारोबारी दिन रुपया की भी शुरुआत कमजोर रही और यह 59 पैसे गिरकर डॉलर के मुकाबले 71.40 के स्तर पर खुला। सिंह ने कहा, ‘रुपये की इस गिरावट ने भी बाजार को संभलने नहीं दिया।’
प्रॉफिट बुकिंग से हलकान हुआ बाजार वैश्विक कारणों पर अगर गौर किया जाए तो कमजोर संकेतों की वजह से भारत समेत अन्य एशियाई बाजारों पर दबाव हावी रहा। दुनियाभर के इक्विटी मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग जारी है।
19 दिसंबर को होने वाली फेड की बैठक के चलते भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रॉफिट बुकिंग हो रही है और इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। आम तौर पर वैश्विक बाजार के कमजोर संकेतों के कारण एशियाई बाजार पर दबाव नजर आता है, जिससे भारतीय बाजार पर भी असर पड़ता है।
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