लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सपा सुप्रीमो मुलायम पर तीखा हमला किया है। उनपर आरोप लगाया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की होने वाली अवश्यंभावी करारी हार का ठीकरा अपने पुत्र के सर पर फूटने से बचाने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत शिवपाल यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
पुत्र की इमेज बचने के लिए नेता जी ने किये ड्रामे –
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक बयान में प्रदेश की कानून व्यवस्था को बदतर बताते हुए कहा है कि मुलायम सिंह ने अपने पुत्र की इमेज को और ज़्यादा ख़राब होने से बचाने के लिए परिवार में वर्चस्व को लेकर जारी संघर्ष व गृहयुद्ध की ड्रामेबाजी की, ताकि प्रदेश की जनता का ध्यान बांटा जा सके। उन्होंने कहा कि सपा सुप्रीमो इन नाटकों की पहले से स्क्रिप्ट तैयार की थी, जिसकी कीमत अब शिवपाल को चुकानी पड़ेगी। मायावती ने कहा कि परिवार के अन्तर्कलह के मामले में एक रणनीति के तहत शिवपाल सिंह यादव को बलि का बकरा बनाया गया।मायावती ने कहा है कि सपा मुखिया अपने परिवार में चुनाव से पहले अपने पुत्र को नम्बर-एक के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। इस बार भी ड्रामेबाजी का अन्त वैसा ही हुआ है जिसकी आशंका थी। कुल मिलाकर मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र को प्रश्रय दिया और पार्टी का टिकट बांटने का लगभग एकाधिकार भी सौंप दिया।
विलय का रचा ढोंग –
इस परिवारिक ड्रामे के पहले ’’अंसारी भाइयों’’ की पार्टी ’कौमी एकता मंच’ के विलय को लेकर सपा प्रमुख ने पुत्रमोह का ही परिचय देते हुये पहले उसका तामझाम के साथ विलय कराया, फिर अपने पुत्र की इमेज को सहारा देने के लिए उससे एक वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करवाकर पार्टी में दबाव बनवा कर फिर ’’अंसारी भाइयों’’ को बेइज़्ज़त करते हुए उस विलय को रद्द करवा दिया।
आगामी वर्ष में कई बनेगे बलि के बकरे –
मायावती ने कहा कि खनन और लोक निर्माण विभाग के मंत्रियाें काे आनन-फानन में मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा हटाना, संकेत है कि इन विभागों में पर्याप्त भ्रष्टाचार हुआ है। मायावती ने अाशंका जताते हुए कहा है कि खनन में भ्रष्टाचार और सीबीआई की रिपोर्ट को लेकर सपा सरकार परेशान है। सीबीआई की जांच रुकवाने की कवायद चल रही है। आने वाले समय में सपा सुप्रीमो कई अधिकारियों व नेताओं को बलि का बकरा बनायेंगे।