लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने वाले आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर फिर अखिलेश सरकार पर हमला बोला है। वे गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर ऐलान किया है कि अगर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास देने के लिए कोई प्रस्तावित संशोधन विधेयक आता है तो वे उसका विरोध करेंगे।उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रहरी बनाम उप्र शासन में इस प्रकार चुनिन्दा लोगों को सरकारी आवास देने को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानते हुए इन्हें खाली करने के आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अखिलेश सरकार ने अपने कैबिनेट बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास बचाने के लिए प्रस्ताव में संशोधन करने का निर्णय लिया है।अमिताभ ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 17.7 लाख लोग पूरी तरह आवासहीन थे जिनमें हर पांचवां व्यक्ति उत्तर प्रदेश का है और यूपी सरकार की आवास नीति 2014 के अनुसार मौजूदा पंचवर्षीय योजना में प्रदेश में 24 लाख नए आवासों की जरुरत है, ऐसे में आवासहीन लोगों की वास्तविक आवश्यकताओं को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास अपने अच्छे-खासे आवास के बाद भी इन्हें भारी-भरकम सरकारी आवास दिया जाना संविधान की मूल भावना और व्यापक लोकहित के खिलाफ है।उन्होंने मुख्यमंत्री से इस प्रयास को तत्काल रोके जाने की मांग की और कहा कि ऐसा कोई अधिनियम पारित हुआ तो वे उसका विधिक विरोध करेंगे।
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