वहीं विशेष कोर्ट ने राजूपाल हत्याकांड के दूसरे गवाह महेंद्र पटेल उर्फ बुग्गी के अपहरण मामले में आरोपी एजाज अख्तर, गुलफुल उर्फ मो. रफीक और अशरफ के खिलाफ अपहरण, जानलेवा हमला, झूठी गवाही देने के लिए बाध्य करने और आपराधिक षड्यंत्र करने की धाराओं में आरोप तय कर दिया है। इससे पूर्व कोर्ट ने बचाव पक्ष की ओर से दी गई डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया। इस प्रकरण के आरोपी अतीक अहमद पर आरोप तय किए जाने के लिए अभियोजन की आंशिक बहस सुनी गई। लेकिन, अतीक अहमद की ओर से डिसचार्ज पर बहस करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर 15 सितंबर को सुनवाई की तारीख नियत की है।
सुनवाई विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) पवन कुमार तिवारी ने की। इस दौरान अभियोजन की ओर से डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि, एडीजीसी राजेश गुप्ता, वादी के अधिवक्ता विक्रम सिन्हा और बचाव पक्ष की ओर से ताराचंद गुप्ता, दयाशंकर मिश्र, राधेश्याम पांडेय आदि अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। एडीजीसी राजेश गुप्ता ने बताया कि राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में लंबित सरकार बनाम अतीक अहमद आदि में अभियोजन का साक्ष्य समाप्त हो गया है।
बुधवार को पेशी में उपस्थित पूर्व सांसद अतीक अहमद ने विशेष कोर्ट से नैनी जेल में रखे जाने की मौखिक याचना की है। अतीक का कहना था कि देवरिया जेल से इलाहाबाद पेशी में आने पर लंबी दूरी के कारण काफी समय लग जाता है और उनकी तबियत खराब चल रही है। उन्हाेंने यात्रा के दौरान खराब सड़कों और सुरक्षा का हवाला देकर अपनी पीड़ा का बयान किया।
देवरिया जेल से अतीक अहमद शाम चार बजे के लगभग कचहरी में पेशी के लिए पहुंचे। कचहरी परिसर में उनके समर्थकों का हुजूम लगभग दो बजे से ही उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। इस दौरान सीओ कर्नलगंज के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय में अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताआें के साथ बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे। कोर्ट को भारी संख्या में आए समर्थकों को बाहर रहने की हिदायत देनी पड़ी।
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