राशन की दुकानों से सस्ता अनाज लेना है तो आधार कार्ड होना अनिवार्य है. वर्तमान कानून के मुताबिक देश में 80 करोड़ लोग 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति हर महीने ले रहे हैं. ये उन्हें 2—3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है और इससे केंद्र सरकार पर 1.4 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
वर्तमान में देश के 72 प्रतिशत राशन कार्ड आधार से लिंकअप हो चुके हैं. देश के कुल 23 करोड़ राशन कार्ड में से 16.62 करोड़ राशनकार्ड आधार से जुड़ चुके हैं. ऐसे में 30 जून तक बाकी बचे राशनकार्ड धारकों को अपना राशनकार्ड आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा.
आधार की अनिवार्यता का मकसद खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 1.4 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी को सही लोगों तक पहुंचाना है। जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें इसका आवेदन करने को 30 जून तक का समय दिया गया है। सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। हालांकि, सरकार ने यह नहीं कहा है कि 30 जून के बाद आधार के बिना सब्सिडी वाला खाद्यान्न नहीं दिया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को पिछले साल नवंबर में देशभर में लागू किया गया था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 8 फरवरी को आधार कानून के तहत अधिसूचना जारी की है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रत्येक ऐसे व्यक्तिगत लाभार्थी जिनके पास राशन कार्ड है, को इस बात का प्रमाण पेश करना होगा कि उनके पास आधार नंबर है या फिर उन्हें इसके तहत सब्सिडी का लाभ लेने को आधार सत्यापन से गुजरना होगा।
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