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भाजपा ने सदन का बहिष्कार करते हुए दिया काली पट्टी धरना

unnamed (19)देहरादून। उत्तराखंड विधान सभा का विशेष विनियोग विधेयक सत्र के दूसरे दिन भाजपा ने सदन का बहिष्कार किया और विधान सभा परिसर के बाहर काली पट्टी बांधकर धरना दिया। विनियोग विधेयक पर सदन से वाक आउट करने के बाद विपक्षी सदस्य दूसरे दिन सदन में नही पहुंचे और सदन के बाहर गैलरी में धरने पर बैठ गये। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का कहना था कि सरकार विपक्ष की नही सुन रही है और मुख्यमंत्री का रवैया तानाशाहीपूर्ण है। अहंकार से चूर सी.एम मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक गोविंद सिंह कुंजवाल विधान सभा अध्यक्ष रहेंगे तब तक भाजपा सदन में नही जाएगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब वह स्पीकर और अधिष्ठाता का विरोध करते हुए वर्हिगमन कर गये तो इतनी देर में अधिष्ठाता के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की रस्म भी अदा कर दी गयी। विपक्ष के न रहने से उस पर चर्चा भी नही हुई और सरकार यही चाहती थी। यह जानते हुए कि विपक्ष वर्हिगमन कर चुका है तो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और निर्णय कर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बहाल हो गये। उन्होंने कहा कि विपक्ष वाकआउट करता रहा है और इससे पहले भाजपा सरकारों में विपक्ष के साथ वार्तालाप कर व्यवस्था बनायी जाती रही है। लेकिन सरकार के द्वारा विपक्ष के साथ बात नही की गयी और जानबूझकर ऐंसी परिस्थितियां पैदा की जा रही है कि जिससे सरकार का काम आसान हो जाए। जहां पर विपक्ष की कोई सुनवायी न हो ऐंसे सदन में जाने से कोई लाभ नही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सी.एम विपक्ष को गंभीरता से नही ले रहे हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि विपक्षी सदस्य उनके वक्तव्य को टीवी पर देखकर लौट आयेंगे,यह उनकी हठधर्मिता को उजागर करता है। सरकार बेरोजगारों को आरक्षण की बात कह रही है,लेकिन चार साल में वह दो प्रतिशत बेरोजगारों को रोजगार नही दे पायी और १ प्रतिशत को भी बेरोजगारी भत्ता नही मिल पाया है। अहंकार के मद में चूर कांग्रेस को जनता सबक सिखायेगी। इसके अलावा विपक्ष ने उनके क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप भी सरकार पर लगाया। इस मौके पर विधायक बिशन सिंह चुफाल, विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना, विधायक गणेश जोशी,राजकुमार ठुकराल,राजेश शुक्ला,महावीर रांगड़,चिन्मयानंद,विजय बड़थ्वाल सहित कई विधायक मौजूद थे।

सी.एम ने ली चुटकी,कहा टीवी देखकर लौट आयेंगे-
विपक्ष के द्वारा सदन के बहिष्कार के मुद्दे पर सी.एम हरीश रावत ने कहा कि वह विपक्ष के साथ विकास के मुद्दे पर साथ बैठकर चर्चा की मांग करते रहे हैं,लेकिन विपक्ष क्या चाहता है वही जाने। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब वह उनके वक्तव्य को समाचार माध्यमों के जरिये देख और सुन लेंगे तो आ जाएंगे।

मायावती के खिलाफ अभद्रता के खिलाफ प्रस्ताव पारित-
विधान सभा सत्र में सरकार की ओर से भाजपा पदाधिकारी के द्वारा मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ सदन में सरकार की ओर से प्रस्ताव लाया गया जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र में ऐंसे आचरण को स्वीकार नही किया जा सकता है। सामाजिक जीवन में इस तरह से अमर्यादित वक्तव्य से सामाजिक सौहाद्र्व पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। किसी भी समाज,जाति,और संप्रदाय के खिलाफ कुत्सित मानसिकता से ग्रसित होकर टिप्पणी करने की इजाजत संविधान नही देता है। सी.एम ने कहा कि जीवन भर दलित और पिछड़े वर्ग के लिए संघर्षरत बसपा सुप्रीमो के खिलाफ की गयी टिप्पणी संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि इससे सदन समूचे समाज के साथ अपने को संबद्व करते हुए इसकी घोर भत्र्सना करता है और ऐंसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

आर्थिक आधार पर आरक्षण की पैरवी-
सरकार ने एस.सी,एसटी और अन्य वर्गों को दिये जा रहे आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि अब समय आ चुका है कि ऐंसे वर्ग को भी संरक्षण मिलना चाहिए जो कि सवर्ण हैं,लेकिन वीपीएल या आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। इसके लिए बीपीएल और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को १० प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पास किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बैकलाग के पदों को भरने के लिए अभियान चला रही है और इस बारे में कैविनेट में निर्णय जा चुका है। वहीं दिव्यांग को आरक्षण के लिए दो माह में लक्ष्य को पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का अधिकार केन्द्र के पास है,लेकिन अब आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को भी इस परिधि में लाया जाना चाहिए।

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