पणजी । भारत और रूस के बीच डिफेंस, एनर्जी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस, साइंस और रिसर्च से जुड़े विभिन्न सेक्टरों में कई अहम समझौते हुए हैं। गोवा में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच शनिवार को हुई दि्वपक्षीय बातचीत के बाद इन समझौतों का ऐलान हुआ। दोनों देशों के बीच 16 समझौते और विभिन्न क्षेत्रों में तीन अहम ऐलान हुए।
मोदी ने समझौतों के बाद दी गई स्पीच में आतंकवाद का खास तौर पर जिक्र किया। मोदी ने कहा, ‘भारत और रूस की सोच आतंकवाद के मुद्दे पर एक जैसी है। पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बने क्रॉस बॉर्डर टेररिजम से निपटने को लेकर भारत के रुख पर रूस से मिले समर्थन की हम तारीफ करते हैं। हम आतंकवाद पर जीरो टॉलेंस की नीति और अफगानिस्तान के हालात पर सहमत हैं। आतंकवाद से निपटने की जरूरत पर रूस जैसा ही हमारा भी रुख है।’ वहीं, पुतिन ने कहा कि आतंकवाद से लड़ाई के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच नजदीकी सहयोग रहा है। बाद में विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं ने किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा की। वहीं, उड़ी आर्मी बेस पर हुए आतंकी हमले पर रूस की ओर से की गई निंदा की भारत ने सराहना की।
डिफेंस समझौते-
मोदी ने रूस के साथ हुए डिफेंस सौदों की भी जानकारी दी। मोदी ने बताया कि भारत ने रूस के साथ नेवी के लिए इस्तेमाल में आने वाले चार जहाजों पर समझौता किया है। एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा जाएगा। इसके अलावा, कामोव हेलिकॉप्टरों का भारत में उत्पादन पर भी सहमति बनी। मोदी ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में पार्टनरशिप मजबूत करने के लिए दोनों देश एनुअल मिलिटरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस करेंगे।
सिविल न्यूक्लियर सहयोग-
मोदी ने दोनों देशों में सिविल न्यूक्लियर क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर भी खुशी जताई। मोदी और पुतिन कुडनकुलम पावर प्लांट के यूनिट 3 और यूनिट 4 के शिलान्यास में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। जॉइंट स्टेटमेंट के दौरान कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट से जुड़ी एक डॉक्युमेंट्री भी दिखाई गई।
व्यापारिक रिश्तों पर भी जोर-
मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच साइंस ऐंड टेक्नॉलजी कमिशन बनाने पर रजामंदी बनी है। इसके जरिए तकनीक के जॉइंट डिवेलपमेंट, ट्रांसफर ऐंड शेयरिंग पर जोर होगा। मोदी ने उम्मीद जताई कि आने वाले वक्त में दोनों देशों के बीच में व्यापारिक और सामरिक रिश्ते और भी मजबूत होंगे। मोदी ने बताया कि बीते चार महीने में भारतीय कंपनियों ने रूस के हाइड्रोकार्बन सेक्टर में करीब 5.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
पढ़े कुछ खास समझौते !
आंध्र प्रदेश में लॉजिस्टिक सिस्टम, स्मार्टसिटी मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने पर समझौता।
आंध्र प्रदेश में शिप बिल्डिंग के अलावा टेक्नॉलजी के जॉइंट डेवलपमेंट और ट्रांसफर पर रजामंदी।
गैस पाइपलाइन बनाने पर जांइट रिसर्च के लिए एमओयू पर साइन हुए।
दोनों देशों के बीच इनवेस्टमेंट फंड को बनाने पर सहमति।
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए इंडियन और रशियन रेलवे के बीच करार।
कामोव हेलिकॉप्टरों के भारत में निर्माण के लिए समझौता।
रूस और भारतीय अंतरिक्ष संगठनों के बीच सहयोग पर करार।
ऑयल एंड गैस, विज्ञान, वाणिज्य, अंतरिक्ष और व्यापार के क्षेत्र में समझौते।
भारतीय और रूसी विदेश मंत्रालय के बीच सहयोग से जुड़ा करार।
मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस 400 डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए करार।