हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) वैज्ञानिकों ने इसके लिए महाराष्ट्र के कोयना में जमीन के 7 किमी अदंर होने वाली हलचलों का अध्यन शुरु किया है ।भूकंप रहस्य का पता लगाने के लिए देश के वैज्ञानिक अब तक की सबसे बड़ी रिसर्च में लगे हुए हैं । वैज्ञानिकों का दावा है कि इस अध्यन के बाद भूकंप की भविष्यवाणी भी की जा सकेगी, एनजीआरआई के वैज्ञानिक डाक्टर हर्ष गुप्ता के मुताबिक हमने अपने रिसर्च के लिए पुणे के नजदीक दक्कन के पठार स्थित कोयना इलाके का चयन किया है, इस शोध से वैज्ञानिक इस इलाके में आने वाले भूकंप के साथ ही अन्य जगहों पर आने वाले भूकंप के पीछे का कारणों को भी ज्यादा गहराई से समझने की कोशिश करेंगे.कोयना में पिछले पांच दशकों से छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं, यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने इस इलाके को भूकंप के अध्यन के लिए चुना है।