ईडी ने इसी वर्ष मई में हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग निषेध कानून (पीएलएलए) के प्रावधानों के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। ईडी ने वर्ष 2005 में पंचकूला में एजेएल को एक भूखंड कथित रूप से पुन: आवंटित करने के मामले में हुड्डा और उनके चार अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
यह भूखंड एजेएल को पहले 1982 में आवंटित किया गया था लेकिन 1996 में इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई। उस समय बंसीलाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन हरियाणा विकास पार्टी सरकार ने इस जमीन पर फिर से कब्जा लिया और 2005 में कांग्रेस के सत्ता में लौटने के बाद जमीन दोबारा एजेएल को आवंटित कर दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी की प्राथमिकी में नामजद आरोपियों के खिलाफ जल्द ही समन जारी किए जाएंगे। हुड्डा ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हमने कोई गलत कार्य नहीं किया है। सतर्कता विभाग ने सरकारी मुजालिम द्वारा आपराधिक धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार निरोध कानून सहित विभिन्न धाराओं के तहत हुडा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के तत्कालीन चेयरमैन और चार अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ 5 मई को मामला दर्ज किया था।
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