अहमदाबाद । रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लेने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के प्रशिक्षण को क्रेडिट दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की धरती से आए प्रधानमंत्री और गोवा से आए रक्षामंत्री एक अलग तरह का कॉम्बिनेशन बनाते हैं। इस कॉम्बिनेशन ने भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का समर्थन किया।
अहमदाबाद में निरमा यूनिवर्सिटी में ‘अपनी सेना को जानिए’ कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा, ”मैं चकित रह जाता हूं कि महात्मा गांधी की धरती से आए प्रधानमंत्री और गोवा से आए एक रक्षामंत्री व सर्जिकल स्ट्राइक, स्थिति काफी… हो सकता है आरएसएस की शिक्षा के कारण ऐसा हुआ हो लेकिन यह अलग तरह का कॉम्बिनेशन था।
उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद लोग जब उन पर सवाल उठा रहे थे तो प्रधानमंत्री और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पर्रिकर ने कहा, ”उरी में 18 जवानों के शहीद हो जाने के बाद हमारे सामने मुश्किल स्थितियां थीं। 29 सितम्बर तक प्रधानमंत्री को सोशल मीडिया और मीडिया पर निशाना बनाया गया। आलोचना का कुछ हिस्सा मेरे ऊपर भी आया।
उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे लोगों को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच-छह वर्षों से संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन हो रहा है, आंकड़े देख लीजिए। अंतर सिर्फ इतना है कि अब हम उन्हें करारा जवाब देते हैं। जिस दिन हमले किए गए उस दिन से लेकर आज तक कुछ राजनेता इसका सबूत मांग रहे हैं। जब भारतीय सेना कुछ कहती है तो हमें उस पर विश्वास करना चाहिए। हमारी सेना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ, पेशेवर, साहसी और सत्यनिष्ठ है। मुझे नहीं लगता कि यहां अहमदाबाद में उनसे (सेना से) कोई सबूत मांगेगा।”
उन्होंने कहा, ‘लक्षित हमलों के बाद दो अच्छी बातें हुई हैं। पहली, कुछ राजनेताओं को छोड़ दिया जाए तो सभी भारतीय एक स्वर में बोल रहे हैं और हमारे बहादुर सैनिकों के समर्थन में खड़े हैं। दूसरी, बेहद प्रभावी ढंग से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर हम (भारतीय) संवदेनशील हो गए हैं।’
संवाददाताओं के साथ बातचीत में पर्रिकर ने कहा कि एक बात तो साफ है और वह यह कि उनकी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर है।
गुजरात की पाकिस्तान से लगने वाली सीमा से देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों के मुद्दे पर पर्रिकर ने कहा, ‘बीएसएफ सीमा पर सुरक्षा को और कड़ी कर रहा है। आप जानते हैं कि यह इलाका दलदली है जहां हम बाड़ नहीं लगा सकते। लेकिन हम तकनीक के इस्तेमाल के जरिए इस कमी को पूरा करेंगे ताकि हमारे इलाके में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश ना कर सके।’