नई दिल्ली । महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में मराठाओं को नौकरी और शिक्षण संस्थाओं में दाखिले में 16 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को कहा कि वे हाईकोर्ट में दोबारा नई याचिका दायर कर महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध करें । याचिका में यह मांग की गई थी कि हाईकोर्ट से मामले का तीन महीने में निपटारा करने को कहा जाए।
2014 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठा को आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े की श्रेणी में डालते हुए 16 फीसदी आरक्षण दिया था। नौकरी और उच्च शिक्षा में दिए गए इस आरक्षण पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी तब से यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने सालभर से इस मसले पर सुनवाई नहीं की है । फरवरी से राज्य में नए सत्र के दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसलिए हाई कोर्ट से मामले को तेज़ी से निपटाने को कहा जाए।
गुजरात दंगों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि नरोदा पाटिया के दंगों से संबंधित ट्रायल छह माह में पूरी करें । ये दंगे 2002 में भड़के थे जिसकी ट्रायल अभी तक पूरी नहीं हुई है ।
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