गूगल किसी बड़े मौके पर या किसी महान शख्सियत के जन्मदिन पर अपना डूडल बदलकर उन्हें याद करता है. आज उर्दू की मशहूर साहित्यकार इस्मत चुगताई की जयंती है और इसी मौके पर गूगल ने अपना डूडल बदलकर उन्हें याद किया है.
इस्मत ने अपने जीवनकाल में महिलाओं के आवाज उठाने और समाज के लिए नेक काम करने के लिए जाना जाता है. इस्मत का जन्म 21 अगस्त 1915 को हुआ उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था. उन्हें खासतौर से उर्दू साहित्य की सबसे ज्यादा विवादास्पद लेखिकाओं के रूप में पहचाना जाता है.
इस्मत ने अपनी सभी रचनाओं में ज्यादातर महिलाओं के सवालों को उठाया है और इसमें वो सफल भी हुई हैं. इस्मत ने ज्यादातर निम्न और मध्यमवर्ग की मुस्लिम तबके की दबी-कुचली लड़कियों की हालत और उनकी दशा का वर्णन अपनी रचना के माध्यम से किया है.
इस्मत ने अपनी ज्यादातर रचनाएं विवादास्पद ही लिखी है और साल 1942 में आई उनकी कहानी ‘लिहाफ’ ने तो बवाल ही मचा दिया था. दरअसल उनकी कहानी में समलैंगिकता का वर्णन किया गया था जिसमे बाद उनपर अश्लीलता का आरोप लगाया गया था. इस्मत पर हिघ्कोर्ट में मुक़दमा भी चला था हालाँकि बाद में वो ख़ारिज हो गया था. गूगल ने अपने डूडल में भी इस्मत की बेहद खूबसूरत तस्वीर लगाई है. डूडल में भी इस्मत को लिखते हुए देखा जा सकता है. इस्मत के 107वें जन्मदिन पर हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है.
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