देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही अपना जन्म दिन मनाया है। उनके जन्मदिन पर कई विश्व रिकॉर्ड भी बने हैं। लेकिन उनके जन्म दिन के ठीक दूसरे दिन आतंकियों ने सेवा दिवस मनाने संबंधी भारत के उल्लास पर पानी फेर दिया है। जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जन्मदिन था तो नरेंद्र मोदी उन्हें बधाई देने अकस्मात पाकिस्तान पहुंच गए थे। उनके शतायु होने की कामना की थी लेकिन नवाज शरीफ की सेना ने आतंकियों के साथ मिलकर नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन का जो मारक तोहफा दिया है, उससे पूरा देश हतप्रभ है। पाकिस्तान को सटीक जवाब देने की केंद्र सरकार से मांग कर रहा है। उरी सेक्टर के सेना मुख्यालय पर आतंकवादी हमला दुखद तो है ही, चिंताजनक भी है। इस हमले में भारतीय सेना के 17 जवान शहीद हो गए हैं। हालांकि भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आश्वस्त किया है कि सेना के जवानों पर हमले में शामिल लोग बख्शे नहीं जाएंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस नृशंस हमले के मद्देनजर अपना अमेरिका और रूस का दौरा रद्द कर दिया है। भारत से चार युद्ध हार चुका पाकिस्तान भारत से छद्म युद्ध कर रहा है। इस साल भारतीय सीमा क्षेत्र में पाक प्रायोजित आतंकी घुसपैठ शतक पूरा करने से बस दस अंक दूर है जबकि पिछले साल घुसपैठ का यह आंकड़ा 29 था।
आतंकवादियों की घुसपैठ मामलों में तीन गुना इजाफा बेहद चिंताजनक है। यह कहीं न कहीं हमारी सजगता और खुफिया कमजाेरी की ओर भी इशारा करता है। भारत-पाकिस्तान की सीमा बहुत बड़ी है। आतंकवादी चोरी-छिपे येन-केन प्रकारेण भारत की सीमा में प्रविष्ट हो जाते हैं लेकिन इन दिनों जिस तरह वे सेना के बेस मुख्यालयों में घुसे हैं,यह सटीक जानकारी और स्थानीय सहयोग के बिना संभव नहीं है। पठानकोट एयरबेस पर भी कुछ इसी अंदाज में हमला हुआ था और भारत और पाकिस्तान के बीच मैत्री वार्ता की गाड़ी पटरी से उतर गई थी। 9 सितंबर को भी पाक समर्थित आतंकवादियों ने पुलवामा में एक सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया। इस हमले में किसी जवान की जान नहीं गई। पठानकोट एयरबेस पर हमले के पहले उन्होंने गुरुदासपुर के पुलिस कप्तान की जीप का इस्तेमाल किया था। यह सच है कि पाकिस्तान इधर जितने भी आतंकवादी भेज रहा है, वे भारतीय सेना द्वारा घेरकर मारे जा रहे हैं लेकिन वे नुकसान तो कर ही रहे हैं। बार-बार आतंकवादियों का सैनिकों पर हमला और हर बार भारत सरकार की लगभग एक जैसी सख्त चेतावनी लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान और आतंकवादियों की सेहत पर कोई खास असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। भारतीय सेना को इन दिनों दोहरे मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है। एक तरफ कश्मीर घाटी में अलगाववादी ताकतों के उकसावे में आकर युवा उन पर पत्थर बरसा रहे हैं और दूसरी ओर आतंकवादी हमले कर रहे हैं। उरी सेना मुख्यालय में पीछे से घुस आए आतंकियों ने जिस तरह सैनिकों के टेंट में आग लगाई है, उसे बहुत हल्के में नहीं लिया जा सकता। भारत सरकार को भी सोचना होगा कि सिर्फ देश को दिलासा देने भर से काम नहीं चलेगा। पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देना होगा। वैदेशिक स्तर पर नरेंद्र मोदी उसे काफी शिकस्त दे चुके हैं। अब जरूरत उसे मुंहतोड़ जवाब देने की है। एक कहावत है कि कुत्ते की दुम चाहे जितनी भी सीधी की जाए, उसे टेढ़ा होते देर नहीं लगती। पाकिस्तान विश्वसनीय पड़ोसी नहीं है। उसके रक्षामंत्री ने आज ही चेतावनी दी है कि अगर पाक को खतरा महसूस हुआ तो वह भारत पर परमाणु हमले से नहीं चूकेगा। यह भारत को दम देने की कोशिश की है। पाकिस्तान को बार-बार भारत पर कुदृष्टि डालने का मौका नहीं दिया जा सकता। भारत सरकार को पूरी दृढ़ता से कदम उठाना होगा। साथ ही उन स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई करनी होगी जो आतंकियों को मदद देते हैं। दृढ़ इच्छा शक्ित के भरोसे ही पाकिस्तान को शिकस्त दिया जा सकेगा। मौजूदा समय कुछ करने का है।
———–सियाराम पांडेय”शांत’
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