. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने डॉक्टरों और समस्त चिकित्सा कर्मियों को मौसमी बीमारियों की रोकथाम, जांच, उपचार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये हैं.मौसमी बीमारियों की संभावनाओ को देखते हुए प्रदेश के समस्त चिकित्सा कर्मियों के अवकाश निरस्त करने और विशेष परिस्थितियों में सीएमएचओ की अनुमति से ही अवकाश स्वीकृत कराने के निर्देश दिए गए हैं. कालीचरण सराफ ने मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस और जीका वायरस सहित समस्त पर कड़ी नजर रखने और कहीं से भी बीमारी की सूचना मिलने पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
जयपुर शहर में प्रतिदिन 500 घरों का गंभीरता पूर्वक डोर टू डोर सर्वे करने व किये गए सर्वे का सूक्ष्म स्तर पर क्रॉस वेरिफिकेशन करवाने के निर्देश दिए है. चिकित्सा मंत्री ने स्वास्थ्य, नगर निगम अधिकारियों को मछरों की रोकथाम के लिए इंटिलरवा गतिविधिया आयोजीत करने के निर्देश दिए. उन्होंने नियमित रूप से सफाई का ध्यान रखने व पानी भरने वाले स्थानों पर विशेष व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए गए हैं.
अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रत्येक बुखार पीड़ित व्यक्ति की ब्लड स्लाइड लेकर तत्काल जांच करवाने व प्रभावित रोगी के आसपास के घरों में स्क्रीनिंग करवा कर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी सीएमएचओ को स्क्रीनिंग की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देकर पर बल दिया. संयुक्त निदेशको को स्क्रीनिंग कार्य का क्रॉस वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए.
यहां तक की पशुपालन विभाग के अधिकारियों को स्क्रब टाइफस की रोकथाम के लिए सतर्कता बरतने को लेकर निर्देश दिए गए हैं. समीक्षा बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ वी के माथुर, अतिरिक्त निदेशक डॉ रवि माथुर, एसएमएस अधीक्षक डॉ डी एस मीना, एसएमएस अतिरिक्त प्राचार्य डॉ दीपक माथुर, संयुक्त निदेशक डॉ के के शर्मा, सीएमएचओ डॉ नरोत्तम शर्मा व डॉ प्रवीण अस्वाल सहित अधिकारी गण मौजूद थे.
बता दें कि हाल ही में पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने की एक बुजुर्ग महिला के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की थी. प्रदेश की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय के प्राचार्य डॉ. यू एस अग्रवाल ने रविवार को बताया कि एक बुजुर्ग महिला को जोडों में दर्द, आखें लाल होने और कमजोरी के कारण 11 सितम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने बुजुर्ग महिला की प्रारंभिक जांच की. जिसके बाद डेंगू, स्वाइन फ्लू अन्य जांच सामान्य मिले. लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर नमूने को पुणे की प्रयोगशाला में जांच के लिये भेज दिया. पुणे में जांच में महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई है.