सत्ता पक्ष सुशील मोदी के पक्ष में उतरकर सफाई दे रही है. मोदी ने दो दिन पूर्व हाथ जोड़कर अपराधियों से पितृपक्ष के दौरान अपराध नहीं करने की गुहार लगाई थी. इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है. उद्घाटन के मौके पर एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा था, “बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने का कोई भी मौका नहीं मिलना चाहिए. मैं अपराधियों से हाथ जोड़कर आग्रह करूंगा कि कम से कम पितृपक्ष में छोड़ दीजिए, शेष दिन आप को मना करें ना करें कुछ ना कुछ करते रहते हैं और कुछ पुलिस वाले लोग रहते हैं. कम से कम ये 15-16 दिन ये जो धार्मिक उत्सव है, इस उत्सव में कुछ ऐसा काम मत कीजिए, जिससे बिहार की प्रतिष्ठा और आने वाले लोगों को कोई शिकायत करने का मौका मिले.” 
इस बयान के सामने आने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मंगलवार को तंज कसते हुए कहा कुछ दिन बाद उपमुख्यमंत्री अपराधियों के चरणों में गिर कर शांति का निवेदन करेंगे. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, “खुलासा और दिलासा मास्टर की कुख्यात जोड़ी डर के मारे कुछ दिनों में अपराधियों के पैर भी पकड़े तो अचंभित नहीं होना. क्योंकि बिहार पुलिस से ज्यादा एके-47 अपराधियों के पास हैं.”
इधर, सत्ता पक्ष सुशील मोदी के पक्ष में उतर आया है. भाजपा के नेता और मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अपराधी भी मनुष्य होते हैं और उनका भी कोई न कोई धर्म होता है. ऐसे में कोई आयोजन में अपराधियों से अपील करने का कोई दूसरा अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए.
इस बीच, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि किसी भी आयोजन के पूर्व शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की जाती है, तो क्या इसका दूसरा अर्थ होगा. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने ऐसी ही अपील की है, इसमें गलत क्या है. सरकार किसी भी मामले में अपराधियों को बख्शने नहीं जा रही है.
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