नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नक्सल समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा में माओवादियों के सफाए के लिए 13 नई बटालियन के गठन को मंजूरी दे दी है। इनमें से एक बटालियन नक्सली हिंसा से बुरी तरह प्रभावित जिलों से जनजातीय युवकों की भर्ती कर गठित की जाएगी।
13 में सबसे ज्यादा चार बटालियन हमारे राज्य को मिली हैं। इसके अलावा सीआरपीएफ को ‘बस्तरिया’ बटालियन गठित करने की मंजूरी दी गई है। इसमें सभी कॉन्स्टेबल अविभाजित बस्तर के जनजातीय बहुल पांच जिलों सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर से भर्ती किए जाएंगे।
इसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए 12 रिजर्व बटालियनों की मंजूरी दी। इनमें से चार छत्तीसगढ़ में, झारखंड और ओडिशा में तीन-तीन और महाराष्ट्र में दो बटालियन गठित होंगी। सीसीएस ने स्पष्ट किया है कि कॉन्स्टेबल स्तर के 75 फीसदी पद अत्यंत नक्सल प्रभावित राज्यों के 15 जिलों से भरे जाएंगे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि स्थानीय युवकों की भर्ती के लिए उम्र और शिक्षा संबंधी शर्तों में छूट दी जाएगी।
इतना ही नहीं, लंबाई और वजन में भी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि पहले से ही मंजूर दो इंडिया रिजर्व बटालियन को सीआरपीएफ में पूरक बटालियन के रूप में परिणित किया जाएगा।
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