जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत संभलते हुए कहा कि ऐसा बेशक होता आया है, लेकिन प्रदेश की मनोहर सरकार इन मामलों में बेहद सख्त है। कानून की प्रक्रिया है। समय जरूर लगता है, लेकिन किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि संसद में पुरुष प्रधान बहुमत नहीं चाहता कि महिलाओं को उनका अधिकार मिले, इसलिए बिल पास नहीं होने दिया जाता।
महिला जनप्रतिनिधियों के चुने जाने के बाद भी पुरुषों के काम करने संबंधी सवाल पर निर्मल ने कहा कि इस बार तो मजबूरी में महिलाएं चुनाव जीत कर आई हैं क्योंकि मनोहर सरकार की ओर से किए गए संशोधन के बाद और कोई चारा नहीं था। उन्होंने कहा प्राचीन परंपराएं महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती हैं लेकिन अब परिवर्तन हो चुके हैं। परंपराएं तोड़नी भी पड़े तो तोड़ी जाएंगी और महिला हितों की रक्षा की जाएगी।