वाराणसी। राजघाट पर भगदड़ में 25 शिष्यों की मौत और 50 से अधिक लोगो के घायल होने के बावजूद रविवार को डोमरी कटेसर गांव स्थित गंगा की रेती पर जयगुरूदेव आध्यात्मिक सत्संग महामानव संगम में लाखों की संख्या में अनुनायी जुटे और बेपरवाहर बाबा पंकज ने प्रवचन किया।
जयगुरूदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा की ओर से आयोजित महामानव संगम में जयगुरूदेव के उत्तराधिकारी आचार्य पंकज महाराज ने मृतक शिष्यो के आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट के मौन धारण के बाद श्रद्धाजंलि दी और नशा से दूर रह मांसाहार छोड़ने का संकल्प शिष्यो को दिला कहा कि नशा और मांसाहार करने वाला जीव नरक का भागी होता है। अपने भक्तो को शुद्ध शाकाहारी सदाचारी मद्वपान रहित जीवन जीने का संदेश दिया।
इस दौरान व्यवस्था की कमान संस्था के राष्ट्रीय उपदेशक बाबू राजबहादुर, संतराम चौधरी, विनय सिंह, डा.के.के. मिश्रा ने संभाल रखा था। उधर हादसे को देखते हुए सत्संग स्थल पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई है।
वाराणसी औऱ चंदौली के जिलाधिकारी के साथ ही अन्य पुलिस औऱ प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए हैं। 15 कंपनी पीएसी भी लगाई गई है। वाराणसी-चंदौली के रेलवे एवं बस स्टेशनों, राजघाट पुल एवं मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए अलग से फोर्स लगी है।
महामानव संगम में भाग लेने आये अनुनायियो में कल की घटना को लेकर बहुत असर नही दिखा। सत्संग में भाग लेने के लिए हजारो श्रद्धालु सुबह से ही शहर से गंगा में नाव पर ठसाठस सवार होकर आते जाते दिखे।
बाबा जयगुरूदेव के अनुनायियों की शनिवार को निकली विहंगम शाकाहार यात्रा में गंगा पर बने सैकड़ो साल पुराने राजघाट पुल के आखिरी छोर पर मची भगदड़ से 24 लोगो की मौत हो गयी। जबकि पचास से अधिक घायल हो गये थे।