योगी सरकार ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में फ्लाईओवर हादसे में दो और अफसरों को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। इसमें पूर्व मुख्य परियोजना प्रबंधक गेंदा लाल और अवर अभियंता राजेश पाल शामिल हैं। इस मामले में अब तक 6 अफसर निलंबित हो चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बृहस्पतिवार को सौंपी रिपोर्ट में निवर्तमान प्रबंध निदेशक राजन मित्तल समेत 7 अफसरों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी।
इनमें मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी, पूर्व परियोजना प्रबंधक केआर सूद , सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह, अवर अभियंता लाल चंद पहले ही निलंबित हो चुके हैं। वहीं, मित्तल को रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार ने हटा दिया था।
राजन मित्तल को निर्माण निगम से न हटाने पर उठ रहे सवाल
दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश के बावजूद सेतु निगम के एमडी पद से हटाए गए राजन मित्तल अभी भी राजकीय निर्माण निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक बने हुए हैं। उनको न हटाने पर शासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे भी राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का पद प्रमुख अभियंता स्तर का है, जबकि मित्तल इससे दो पायदान नीचे मुख्य अभियंता स्तर-2 हैं।
अफसरों, कर्मियों से लेकर ठेकेदार तक पर गैर इरादतन हत्या का दर्ज है केस
फ्लाईओवर बना रहे सेतु निगम के अफसरों, कर्मचारियों, पर्यवेक्षण अधिकारी और ठेकेदार व उसके कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, इसलिए पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में मुख्य परियोजना प्रबंधक और एमडी स्तर तक के अधिकारी पुलिस तफ्तीश के दायरे में आ गए हैं।
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