वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि तमिलनाडु में स्थित उसके कॉपर स्मेल्टर (तांबा गलाने) के टैंक से सलफ्यूरिक एसिड का लीक होना गंभीर है और उसे निष्क्रिय करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने रविवार को कहा था कि तूतीकोरिन कस्बे के भीतर स्थित प्लांट में मामूली लीक हुआ है। सुरक्षा के लिहाज से एसिड से भरे टैंकों को खाली कराने के कदम उठाए जा रहे हैं।
कंपनी ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट सौंपी गई अर्जी में कहा है, “पाइप के किनारे में हुआ लीकेज बहुत गंभीर है। जिन टैंकों में एसिड भरा है उसके चारों तरफ एसिड जमा है। जमा एसिड में पाइप के किनारे डूब गए हैं।”
वेदांता लंदन लिस्टेड वेदांता रिसोर्स की भारतीय सब्सिडीयरी है। कंपनी ने कहा है कि उसने सीमित विद्युत आपूर्ति की मांग की है। यह मांग जान जाने का खतरा और हवा एवं भूजल को होने वाली क्षति टालने के लिए की गई है। कंपनी ने कहा है, “गंभीर जोखिम और खतरा है। इसका कारण यह है कि प्लांट के क्षेत्र में और भी भरे हुए टैंक और ज्वलनशील रसायन एवं वस्तुएं हैं।”
लेकिन जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी संदीप नंदुरी मामूली लीक होने पर कायम हैं। उन्होंने कहा, “यह उनका विचार है और यह हमारा है। सुरक्षा के लिहाज से हम सभी टैंकों से सल्फ्यूरिक एसिड खाली करा रहे हैं।”
इसी प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए थे 13 लोग-
तमिलनाडु सरकार ने प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है और पिछले महीने ही इसकी बिजली आपूर्ति भी बंद की जा चुकी है। राज्य सरकार ने प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह कदम उठाया था। क्षेत्र में प्रदूषण फैलने के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे।
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