आप लोग सोच रहे होंगे कि अभी तो चुनाव हारा है और फिर आ गया, लेकिन हमें चुनाव परिणामों से फर्क नहीं पड़ता। यह सरकार भी लगड़ी है। विधायक धमकी दे रहे हैं कि मंत्री नहीं बनाया तो सरकार गिरा देंगे। बैसाखी पर चलने वाली सरकार बनानी होती तो हम भी बना लेते। पहले हम ताकत से काम करते थे। अब लड़ाई से काम करेंगे। संबल बंद की तो सरकार चलाना मुश्किल कर दूंगा।
गुरुवार को यह बात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वल्लभ भवन के सामने स्थित भीम नगर में संवाद कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम का आयोजन जन कल्याणकारी योजनाओं की वर्तमान स्थिति को लेकर हितग्राहियों से संवाद के लिए आयोजित किया गया।
चौहान ने खुले मंच से कहा कि भाजपा सरकार में गरीबों के हित के लिए कई योजनाओं को जमीन पर उतारा गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार की नीयत इन योजनाओं को लेकर खराब है। उन्होंने कहा कि संबल के कार्ड में मेरे फोटो छपे थे। इसी कारण लोगों से कार्ड वापस लिए जा रहे हैं।
प्रदेश में चलाएंगे जनजागरण अभियान
संबल योजना को लेकर शिवराज ने कहा कि बल्लभ भवन के सामने बस्ती से जनजागरण अभियान की शुरूआत की गई है। उन्होंने ऐलान किया कि पूरे प्रदेश में इस योजना को बचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में जल्द ही बड़े आंदोलन करने की बात कही।
हर बस्ती में टीम बनाओ, तार काटें तो फिर जोड़ लेना
चौहान ने कहा कि संबल योजना में 200 रुपए बिजली बिल का प्रावधान किया गया था। उधर, कांग्रेस सरकार ने बिजली के बिल आधे करने की बात अपने वचन पत्र में कही है। मतलब 100 रुपए से एक रुपए भी ज्यादा मत देना। यदि कोई बिजली तार काटे तो जोड़ लेना, लेकिन डरना मत। योजनाओं को बचाने बस्ती स्तर पर टीम तैयार करने का आह्वान उन्होंने किया।
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए कांग्रेस सरकार के पास पैसा नहीं है। इसलिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह, तीर्थ दर्शन, संबल योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर सरकार की नीयत खराब है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से सरकार बदली है उस दिन से एक दिन भी चैन से नहीं बैठा। मैं भी लड़ाई का मास्टर हूं, कांग्रेस तो 15 साल में ट्रेनिंग भी सही से नहीं ले पाई।
एडजेस्टमेंट में लगी है सरकार
चौहान ने प्रदेश में हो रहे अधिकारियों के तबादलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को जनता की चिंता नहीं है। इसी कारण ताबड़तोड़ तबादले कर एडजेस्टमेंट किए जा रहे हैं। मंत्री हों, अधिकारी हों या विभागों की बंदरबाट हो सिर्फ रखने-हटाने में ही इनका फोकस है। सरकार कौन चला रहा है यह भी समझ नहीं आता। जबाव किसी से मांगता हूं और देता कोई और है
इन मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन
-वर्ष 2022 तक वर्तमान स्थान पर ही लोगों को पक्के आवास बनाकर देना।
-केजी से पीजी तक गरीबों के बच्चों के लिए मुफ्त पढ़ाई की योजना जारी रखना।
-गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराना।
-बच्चे के जन्म के पहले 4 व बाद में 12 हजार रुपए परिवार को आर्थिक सहायता जारी रखना।
– कन्यादान योजना के तहत विवाह में 51 हजार रुपए देना जारी रखना।
– सामान्य मौत पर 2 लाख, दुर्घटनाओं में 5 लाख व अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार की सहायता जारी रखना।