इस्ताम्बुल। राष्ट्रपति रेसेप तेयप एर्दोगन की सरकार के खिलाफ तख्तापलट की साजिश करने वाले षडयंत्रकारियों की धर-पकड़ के लिए सोमवार को तुर्की के सुरक्षाबलों ने व्यापक छापेमारी की कार्रवाई की। इतने बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता के स्वर उभरने लगे थे। अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को हुए तख्तापलट के प्रयास के सिलसिले में करीब 6ए000 लोगों को हिरासत में लिया गया है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने तख्तापलट की साजिश के लिए अमेरिका में रहने वाले प्रचारक और अपने दुश्मन फेतुल्लाह गुलेन को दोषी ठहराया था। एर्दोगन ने यह भी कहा कि नाकाम तख्तापलट के बाद तुर्की मौत की सजा बहाल करने पर सोच सकता है। इस बीचए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई विश्व नेताओं ने सत्ता पर कब्जा करने के सेना के एक धड़े की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा कीए लेकिन साथ ही बदले की कार्रवाई पर भी चिंता जताई। इस्ताम्बुल की विशेष आंतकरोधी पुलिस की इकाइयों ने सोमवार सुबह नए संदिग्धों की तलाश में शहर की प्रतिष्ठित वायुसेना सैन्य अकादमी में छापे मारे। तुर्की के एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच अधिकारियों ने जनरल मेहमत दिस्ली को भी हिरासत में ले लिया। दिस्ली ने तुर्की के सैन्य बलों के प्रमुख हुस्ली अकर को बंदी बनाने की कोशिश की थी। रिपोर्टों के अनुसार अब तक कुल 36 जनरलों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 10 जनरलों को अदालत ने रिमांड पर भेज दिया है।
राष्ट्रपति एर्दोगन ने नागरिकों से कहा था कि तख्तापलट की साजिश के नाकाम होने के बावजूद वे सडक़ों पर बने रहें। अधिकारियों ने इसे लोकतंत्र की ष्ष्अलखष्ष् बताया था। रविवार की रात को देशभर में समर्थन में जुलूस निकाले गए। इस्ताम्बुल में सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए आस.पास के प्रांतों से भी आधुनिक पुलिस बल के 1,800 जवानों को बुलाया गया है।
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