नई दिल्ली।
अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला ने भारत में 100% आयात शुल्क को लेकर चिंता जताई है, जिससे संभावित ग्राहक असमंजस में हैं। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी, वैभव तनेजा ने हाल ही में कहा कि इस शुल्क के कारण टेस्ला की कारों की कीमत दोगुनी हो जाती है, जिससे ग्राहक अत्यधिक भुगतान करने को लेकर चिंतित हैं। 
भारत सरकार ने हाल ही में एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की है, जिसके तहत विदेशी निर्माता यदि $500 मिलियन का निवेश करते हैं और स्थानीय उत्पादन सुनिश्चित करते हैं, तो उन्हें पांच वर्षों में 40,000 वाहनों के आयात पर 15% की रियायती दर दी जाएगी। 
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टेस्ला ने मुंबई और नई दिल्ली में शोरूम के लिए स्थान सुरक्षित किए हैं और कई नौकरियों के लिए विज्ञापन दिए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी भारतीय बाजार में प्रवेश की तैयारी कर रही है। 
हालांकि, कंपनी ने अभी तक भारत में स्थानीय उत्पादन के लिए कोई ठोस योजना की घोषणा नहीं की है। इस बीच, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद इस वर्ष भारत की यात्रा की योजना बनाई है, जिससे उम्मीद है कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता आगे बढ़ेगी। 
टेस्ला के लिए भारत एक बड़ा और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है, लेकिन उच्च आयात शुल्क और स्थानीय उत्पादन की अनिश्चितता कंपनी के लिए चुनौतियां पेश कर रही हैं। ग्राहकों की चिंता और स्थानीय प्रतिस्पर्धा के बीच, टेस्ला को अपने रणनीतिक निर्णयों में सावधानी बरतनी होगी।
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