नई दिल्ली।
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 14 वीजा श्रेणियों के अंतर्गत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उनकी शीघ्र वापसी सुनिश्चित करें। गुजरात, ओडिशा जैसे राज्यों ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू भी कर दी है।
गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं और अब सभी मौजूदा वीजाओं को भी रद्द कर दिया गया है, केवल लॉन्ग टर्म, डिप्लोमेटिक और ऑफिसियल वीजा को छोड़कर।
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किन वीजा श्रेणियों को प्रभावित किया गया है?
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, व्यावसायिक वीजा, फिल्म वीजा, पत्रकार वीजा, तीर्थ वीजा, छात्र वीजा, ट्रांजिट वीजा, समूह पर्यटक वीजा, सम्मेलन वीजा, पर्वतारोहण वीजा समेत कुल 14 श्रेणियों को कवर किया गया है। मेडिकल वीजा 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे, जबकि अन्य वीजाधारी 26 और 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए बाध्य होंगे।
गृह सचिव गोविंद मोहन ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सख्त अनुपालन का निर्देश दिया। साथ ही, विदेश मंत्रालय और इमीग्रेशन ब्यूरो को भी उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
राज्यों में कार्रवाई तेज
गुजरात में एक महिला सहित सात पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओडिशा में 12 नागरिकों को नोटिस जारी किया गया है। केरल में 104 पाकिस्तानी नागरिकों की निगरानी की जा रही है, जिनमें से अधिकांश कन्नूर जिले में रह रहे हैं। उत्तराखंड में तीन पाकिस्तानी नागरिकों में से दो देश छोड़ चुके हैं और एक को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
पुणे में जिला प्रशासन के अनुसार, 111 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है, जिनमें से 90 लॉन्ग टर्म वीजा पर हैं और अधिकांश हिंदू हैं। गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि तीन पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा गया है, जबकि 17 अन्य लॉन्ग टर्म वीजा पर हैं।
भारत ने उठाए कई कड़े कदम
भारत ने न केवल वीजा सेवाएं निलंबित की हैं, बल्कि सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटाया है और अटारी-वाघा बॉर्डर को भी बंद कर दिया है। सुरक्षा बलों को सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने और बहुस्तरीय सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह कदम इस बात को दर्शाते हैं कि भारत अब आतंकवाद को लेकर और अधिक सख्ती से पेश आ रहा है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि देश की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।