गूगल को अमेरिका में एक महत्त्वपूर्ण एंटीट्रस्ट (मोनोपॉली) केस में बड़ा झटका लगा है। डिजिटल विज्ञापन बाजार में प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के आरोप में कोर्ट ने गूगल को दोषी ठहराया है। अब मामला “रिमेडीज फेज” में पहुंच चुका है, जिसमें सजा या समाधान तय किया जाएगा। कोर्ट अगले हफ्ते से सुनवाई शुरू करेगा, और संभावना जताई जा रही है कि गूगल को एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने या यहां तक कि उसका Chrome ब्राउजर तक बेचने का आदेश दिया जा सकता है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल पर यह आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर डिजिटल एड टेक्नोलॉजी सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रतिस्पर्धा विरोधी तरीके अपनाए। इससे “ओपन वेब डिस्प्ले एड पब्लिशर मार्केट” पर उसका नियंत्रण हो गया। यह फैसला पिछले साल के एक निर्णय का ही विस्तार है। गूगल ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का ऐलान किया है।
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गूगल के खिलाफ एक अन्य केस उसके सर्च इंजन मोनोपॉली को लेकर है। गूगल ने Apple जैसी कंपनियों को अरबों डॉलर देकर अपने सर्च इंजन को डिफॉल्ट बनाए रखा। अगस्त 2024 में कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई थी और माना कि गूगल ने गलत रणनीति से मोनोपॉली कायम की।
इसी के समान Meta, Apple और Amazon के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार के आरोप लगे हैं। Meta पर Instagram और WhatsApp को खरीदकर Buy-or-Bury रणनीति अपनाने का आरोप है, जबकि Apple और Amazon भी इसी तरह के केस का सामना कर रहे हैं। टेक की दुनिया में ये मुकदमे आने वाले सालों में कंपनियों के बिजनेस मॉडल और उपयोगकर्ता अनुभव को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।