उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे 61 लाख लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वर्ष 2025-26 में योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र व्यक्तियों को ही मिले। सत्यापन का कार्य 25 मई तक पूरा कराने के निर्देश मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दे दिए गए हैं।
Read it also : हनी सिंह की एक इंस्टा स्टोरी और मच गया हंगामा, क्या चल रहा है उनके दिल में?
जो पेंशनर्स मृतक या अपात्र पाए जाएंगे, उन्हें सूची से हटाकर नए पात्र वृद्धजनों को योजना में शामिल किया जाएगा। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि पेंशन राशि डीबीटी माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
पात्रता के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में जिनकी वार्षिक आय ₹46,080 और शहरी क्षेत्रों में ₹56,460 से कम है तथा आयु 60 वर्ष से अधिक है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। सत्यापन का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ और शहरी क्षेत्रों में एसडीएम या ईओ के द्वारा किया जा रहा है।
गलत सत्यापन पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। यदि किसी जीवित व्यक्ति को मृत दिखाया गया, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, ‘जीरो पावर्टी’ अभियान के तहत हर गांव से 25 निर्धनतम परिवारों के वृद्धों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आधार प्रमाणीकरण, बैंक खाता और मोबाइल नंबर की लिंकिंग अनिवार्य की गई है। एकीकृत पोर्टल के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बार योजना का लाभ न उठा सके।