Tuesday , October 8 2024

साहित्यकारों में होती है अपार शक्तिर: डॉ. पण्ड्या

unnamed (8)हरिद्वार। भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य के सम्बन्धों को बड़ा महत्व दिया गया है। गुरु से आशीर्वाद पाकर शिष्य धन्य हो जाता हैए किन्तु वर्ष भर आशीर्वाद पाने वाले शिष्य आषाढ़ पूर्णिमा को अपने गुरु को गुरुदक्षिणा देते हैं । ऐसे में एक अभिनव प्रयोग शांतिकुंज द्वारा किया जा रहा है। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में सद्गुरु पूज्य पंण् श्रीराम शर्मा आचार्यश्री के विचारों को कविताए लेखनी एवं संगीत के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विचारक्रांति के अग्रदूतों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में गायत्री परिवार प्रमुख डॉण् प्रणव पण्ड्या ने कहा कि हमें गुरु की पावन सत्ता में सदैव विश्वास रखना चाहिए। गुरु ही शिष्य को निखारता है। वे अनगढ़ हो सुगढ़ बनाने तथा गागर में सागर भरने की क्षमता रखते हैं। युगऋषि ने ऐसे ही कार्यकर्त्ताओं को गढ़ा हैए जो अकिंचन व अनगढ़ थे। आगे चलकर जिन्होंने वानप्रस्थी कार्यकर्त्ता साहित्यए लेखन, संगीत के क्षेत्र में अलग पहचान बना लिया। ऐसे विचार क्रांति के धनी लोगों को सम्मानित करना उनकी मेहनत, साधना को सम्मान करना है। डॉण् पण्ड्या ने कहा कि ७० के दशक में युगऋषि ने नारी जागरण के लिए जो दिया जलाया थाए वह निरन्तर आलोकित कर रहा है। हमारी बहिनें समाज के प्रत्येक क्षेत्र में बराबर की सहभागिता करने को तैयार हैं ।
वरिष्ठ कार्यकर्त्ता और प्रज्ञा अभियान के संपादक वीरेश्वर उपाध्याय ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से गुरु.शिष्य के संबंध को उकेरते हुए कहा कि जिस किसी ने भी सच्चे मन से युगधर्म को निभाया हैए उसे गुरुसत्ता ने निहाल कर दिया है। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. पण्ड्या ने विचार क्रांति के अग्रदूतए लेखनी के धनी श्री रामस्वरूप खरेए कर्मयोगी श्री डीण्पीण् चैधरी तथा श्रीमती गायत्री कचैलिया को प्रशस्ति पत्र एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सभी ने मिले सम्मान को अपनी पावन गुरुसत्ता को समर्पित कर दिया। सम्मान समारोह का संचालन श्री कालीचरण शर्मा ने किया।
दोपहारकालीन सभा में श्री मनोज तिवारी ने वृक्षारोपण को एक पुनीत कर्त्तव्य बताया। सायं वरिष्ठ कार्यकर्त्ता श्री वीरेश्वर उपाध्यायए देसंविवि के कुलपति श्री शरद पारधीए डॉण् ओपी शर्मा एवं श्यामा राठौर ने गुरुसत्ता की महिमा पर विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व काव्यपाठ प्रतियोगिता में जवाहर नवोदय विद्यालय की श्वेता कुमारीए पूजा कश्यप तथा गायत्री विद्यापीठ की तनुजा कापड़ी को क्रमशः प्रथमए द्वितीयए एवं तृतीय स्थान मिला। देसंविवि व गायत्री विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से गुरु की महिमा को प्रस्तुत किया।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com