लखनऊ। बुलंदशहर में यूपी के सीएम अखिलेश यादव के ओएसडी आशीष यादव के नाम का गलत इस्तेमाल करके एक नटवरलाल ने सपा नेता और खुर्जा सिटी के नगरपालिका चेयरमैन रफीक फड्डा को 40 लाख का चूना लगा दिया। वहीं ठगी के इस जाल में एक प्रशासनिक अधिकारी की भूमिका शक के घेरे में है। लेकिन 18 दिन बाद भी पुलिस उसकी ओर तफ्तीश की सुइयां नही घुमाई है। दरअसल, स्लाटर हाउस के लाइसेंस के लिए रफीक फड्डा कई महीनों से मुख्यमंत्री कार्यालय में चक्कर लगा रहे थे। पीड़ित रफीक ने बताया कि पिछले महीने 20 जून के आसपास उनके पास खुर्जा के एसडीएम इन्दुप्रकाश का फोन कॉल आया था। एसडीएम ने बताया कि कलेक्टर साहब के कार्यालय से फोन आया है कि आप मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष यादव से स्लाटर हाउस के लाइसेंस के बारे में बात कर लें। एसडीएम ने रफीक फड्डा को कथित आशीष यादव का फोन नंबर 9568039446 भी दिया.एसडीएम इन्दुप्रकाश करीब दो वर्षो से खुर्जा में तैनात है। उनके विश्वसनीय होने के कारण रफीक फड्डा ने दिये गये नंबर पर आशीष यादव नाम के शख्स से बात की जिसने खुद को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ओएसडी बताया।
कथित ओएसडी ने रफीक से लाइसेंस के बदले टोकनमनी मांगा। रफीक ने 22 जून को आरटीजीएस के माध्यम से दो बार में तीस लाख रूपये आगरा स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में नरेन्द्र सिंह के नाम के खाते में ट्रांसफर करा दिये। इसके बाद कथित ओएसडी ने खुद के लिए 10 लाख रूपये मांगे जो रफीक ने दो दिन बाद यानी 24 जून को उसी खाते में ट्रांसफर करा दिये।
इस मामले में एसडीएम इन्दुप्रकाश खुद को पाक साफ बता रहे है। उनका कहना है कि रफीक ने किसी के कहने पर 40 लाख रूपये ट्रांसफर किया है। इससे उनका कोई लेना देना नही है और न ही उनके स्तर से इस मामले में कोई कार्रवाई की जा रही है।
सीएम के ओएसडी आशीष यादव ने बुलंदशहर के एसएसपी को फोन करके इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा, एसएसपी के आदेश पर खुर्जा सिटी थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की तफ्तीश की जा रही है।
मेरठ जोन के पुलिस आईजी सुजीत पांडेय ने बताया कि एसडीएम का नाम भी इस मामले में आया है। पूरे मामले में ठगों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। मामले का अनावरण जल्द कर दिया जायेगा।