Sunday , April 28 2024

सोलर फोटोवोल्टेइक संयंत्रों की स्थापना में तेजी लाएः मुख्यमंत्री

akhiलखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्राथमिक विद्यालयों में सोलर फोटोवोल्टेइक संयंत्रों की स्थापना का कार्य तेज करने को कहा है जिससे छात्रों को स्वच्छ पेयजल एवं पंखों की सुविधा उपलब्ध कराने लिए इन विद्यालयों में आर0ओ0 वाटर संयंत्र एवं पंखों को चलाया जा सके। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सोलर फोटोवोल्टेइक संयंत्रों की स्थापना की योजना को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है तथा भारत सरकार द्वारा इसे 2015-16 के बेस्ट इन्नोवेशन कार्य के रूप में चिन्हित करते हुए एरियाज द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है। प्रदेश में लगभग एक लाख 41 हजार प्राथमिक विद्यालय स्थापित हैं, जिनमें 95 फीसदी से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को स्वच्छ पेयजल तथा पठन-पाठन की आरामदायक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ने 1.1 किलोवाॅट के सोलर पावर प्लाण्ट क्रमशः प्राथमिक विद्यालयों में स्थापित कराने के निर्देश दिए थे। करीब दो लाख 70 हजार रुपए की लागत से स्थापित होने वाले एक सोलर पावर प्लाण्ट के माध्यम से 05 पंखे, 01 डी0सी0 सबमर्सिबल पम्प तथा 50 लीटर प्रति घण्टा का 01 आर0ओ0 वाटर संयंत्र संचालित कराया जाता है। इस योजना में एक हजार लीटर की ओवरहेड टंकी भी स्थापित करायी जाती है। प्रवक्ता ने बताया कि संयंत्र की स्थापना करने वाली संस्था को ही इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी 05 वर्ष तक उठानी होगी। परियोजना के प्रथम चरण वर्ष 2014-15 में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद गोरखपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, कन्नौज, सोनभद्र एवं इटावा के 112 प्राथमिक विद्यालयों में संयंत्रों की स्थापना करायी गई। वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 10 जनपदों हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, झांसी, ललितपुर, जालौन, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं औरैया के 200 प्राथमिक विद्यालयों में संयंत्र का कार्य प्रगति पर है। योजना की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे वृहद स्तर पर संचालित करने को कहा हैं। जिसमें झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, मिर्जापुर, कन्नौज एवं सोनभद्र के 100 विद्यालयों में संयंत्रों की स्थापना करायी जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना से जहां विद्यालयों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल के साथ-साथ मध्यान्ह भोजन बनाने एवं बर्तन धोने के लिए जल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा रही है, वहीं कक्षों में स्थापित पंखों के माध्यम से बच्चों तथा अध्यापकों को गर्मी से निजात दिलायी जा रही है। साथ ही, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होने से बच्चों को तमाम जल-जनित बीमारियों से बचाने में मदद मिल रही है।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com