जयपुर। एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दिन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर मेंं 11 अक्टूबर 2007 को आहता ए नूर पेड़ के पास हुए बम विस्फोट मामले में दोषी भावेश पटेल और देवेेन्द्र गुप्ता को आज आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
विशेष न्यायाधीश दिनेश गुप्ता की अदालत नेेेे भावेश पटेल :39: और देवेेन्द्र गुप्ता :41: को आज आजीवन कारावास की सजा सुनायी। साथ ही पटेल पर दस हजार रूपये और गुप्ता पर पांच हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने गत आठ मार्च को इस मामले की सुनवाई करने के बाद स्वामी असीमानंद, हर्षद सोलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, मेहुल कुमार, भरत भाई को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था और देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मान कर दोनों को सजा सुनाने के लिए पहले 16 मार्च, 18 मार्च और फिर 22 मार्च की तिथि तय की थी।
तीसरे दोषी ठहराये सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है। सजा सुनाए जाने के दौरान भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता न्यायालय में मौजूद थे।बचाव पक्ष के वकील जगदीश सिंह राणा ने कहा कि सजा के खिलाफ शीघ्र ही राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।